भारतीय क्रिकेट टीम को नया स्पॉन्सर मिल चुका है। ओप्पो मोबाइल इंडिया कंपनी अब भारतीय क्रिकेट टीम की नई प्रायोजक होगी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार को यह घोषणा की। गौरतलब है कि मौजूदा प्रायोजक ‘स्टार इंडिया’ ने स्पॉन्सरशिप आॅक्शन में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद बीसीसीआई को नए प्रायोजक की तलाश थी। बीसीसीआई ने अपने बयान में कहा, ‘यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि ओप्पो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भारतीय क्रिकेट टीम की नई प्रायोजक होगी।’ जून में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की टीम ओप्पो के नाम वाली जर्सी में खेलते हुए नजर आएगी। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक पेटीएम, रिलायंस जियो जैसी कंपनी भी स्पॉन्सरशिप की इच्छुक थी।
बोर्ड ने बताया कि ओप्पो की बीसीसीआई के साथ यह नई साझेदारी इस साल अप्रैल से शुरू होगी और अगले पांच साल तय कायम रहेगी। प्रायोजक के तौर पर स्टार इंडिया का बीसीसीआई के साथ समझौता मार्च के अंत में समाप्त हो रहा है। अप्रैल से टीम इंडिया की जर्सी पर स्टार के लोगो की जगह ओप्पो का लोगो दिखाई देगा। यह लोगो भारतीय की पुरुष, महिला, ए टीम और अंडर-19 टीम की जर्सी पर दिखेगा। द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक द्विपक्षीय सीरीज में हर वनडे मैच के लिए लगभग 4.1 करोड़ रुपये और एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) और इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के लिए करीब 1.56 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।
स्टार इंडिया से पहले सहारा इंडिया भी बीसीसीआई की प्रायोजक रह चुकी है। सहारा के बाद दिसंबर 2013 में टीम इंडिया के मुख्य स्पॉन्सर बने स्टार का अनुबंध अगले महीने मार्च में खत्म हो रहा है। जिसके बाद बीसीसीआई ने मंगलवार को घोषणा करते हुए बताया कि ओप्पो के साथ 5 सालों के इस कॉन्ट्रेक्ट की शुरुआत अप्रैल 2017 से होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक ओप्पो के साथ बीसीसीआई की यह डील 538 करोड़ रुपये से ज्यादा की हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्टार की बिड द्विपक्षीय मुकाबले के हर मैच के लिए 19.2 मिलियन रुपये की थी। बीसीसीआई के मौजूदा हालातों और आईसीसी से टकराव को देखते हुए स्टार इंडिया ने दोबारा नीलामी में हिस्सा ना लेने का फैसला किया था।
