गुरिंदर संधु और ईश सोढी के बाद एक और पंजाबी क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में धमाल मचाने की ओर बढ़ रहा है। सिमरनजीत सिंह, जिनका परिवार अब भी मोहाली में रहता है, को घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के कारण आयरलैंड की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में जगह मिली है। इसी साल मई में न्यू जीलैंड के खिलाफ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। 13 सितंबर को वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाले वनडे मैच के लिए वह भी आयरलैंड की टीम का हिस्सा हैं। इसी साल 22 जून को आयरलैंड को टेस्ट खेलने वाले देश का दर्जा मिला था और सिमी टेस्ट क्रिकेट खेलने का अपना सपना पूरा करना चाहते हैं। उन्होंने टीओआई से कहा कि मैं भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाया, लेकिन जल्द ही आयरलैंड की ओर से पहला टेस्ट खेलूंगा। सात साल सिमी ने पंजाब की जूनियर टीमों के लिए खूब रन बनाए और विकेट लिए। लेकिन उन्हें अंडर-19 में जगह नहीं मिली। साल 2004 में उन्होंने स्टेट इंटर डिस्ट्रिक्ट अंडर-17 चैम्पियनशिप में 725 रन बनाए थे। साल 2001 में विजयवाड़ा में खेले गए 46वें राष्ट्रीय स्कूल खेलों में वह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए थे। लेकिन लगातार शानदार प्रदर्शन के वाबजूद सिमी को अंडर-19 में जगह नहीं मिली थी। उस वक्त वह बेहद उदास हो गए थे।
सिमरनजीत के कोच भारती विज ने कहा, वह बहुत मेहनती था और पंजाब में उनके साथ बुरा हुआ। उसका अंडर-19 में खुद को साबित करने का मौका नहीं मिल पाया। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक उनके कोच ने कहा कि वह अच्छी टेक्निक वाला ओपनिंग बल्लेबाज है। इसके बाद 2005 में होटल मैनेजमेंट करने आयरलैंड चले गए। उनके दोस्त और पूर्व साथी गौरव ने उन्हें राजी किया कि आयरलैंड में भी क्रिकेट खेलने और पढ़ाई करने का मौका है। सिमी बताते हैं, प्रति मुकाबले के 5 यूरो देकर मैं एक मैच खेलता था। एक ग्रॉसरी स्टोर में काम करता था, ताकि क्रिकेट खेलने के लिए पैसा जुटा सकूं।
पिछले एक साल में वह डबलिन के लिए मैलाहाइड क्रिकेट क्लब की ओर से भी खेल चुके हैं। साल 2008 में वह आईपीएल का पहला संस्करण खेलने भारत लौट आए। उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब के लिए ट्रायल दिया, लेकिन सिलेक्ट नहीं हो पाए। इसके बाद वह 2009 में डबलिन लौट गए और 2012 में वाईएमसीए क्रिकेट क्लब की ओर से खेले। उन्होंने पाकिस्तान के सकलैन मुश्ताक को देखकर अॉफ स्पिन सीखी और लेंस्टर सीनियर कप में 56 विकेट लिए और 786 रन भी बनाए। उन्होंने बताया कि साल 2015 से मैं प्रांतीय टीम लेंस्टर लाइटिंग की ओर से खेल रहा हूं। यहां केविन ओ ब्रायन, जॉन एंडरसन और जॉर्ज डॉकरेल जैसे खिलाड़ियों ने मेरी मदद की। मैं थोड़ी धीरे बल्लेबाजी करता था, लिहाजा ब्रायन ने मुझमें आक्रामकता जगाई। इसी साल मई में उन्हें आयरलैंड की नागरिकता भी मिल गई है।
