ऑस्ट्रेलिया की शैफील्ड शील्ड में वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स का मुकाबला क्रिकेट की दुनिया में चर्चा का कारण बन गया है। इसकी वजह है ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज क्रिस ग्रीन। ग्रीन ने इस मुकाबले में एक ही गेंद को दो बार ब्लॉक किया लेकिन इसके बावजूद अंपायर ने आउट नहीं दिया। इसी को लेकर अब चर्चा हो रही है।
क्रिस ग्रीन ने दो बार गेंद को किया ब्लॉक
क्रिस ग्रीन न्यू साउथ वेल्स के लिए 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के पेसर चार्ली स्टूबू की गेंद पर क्रिस ग्रीन ने आगे आकर डिफेंड करने की कोशिश की। गेंद उछल कर स्टूबू के हाथों में गई जिन्होंने दोबारा गेंद को ग्रीन की ओर ही फेंका। गेंद ग्रीन के पैरों के पास गई, खुद को बचाने के लिए ग्रीन ने एक बार फिर गेंद को ब्लॉक किया।
अंपायर ने खारिज की विकेट की अपील
वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने इसके बाद ग्रीन को फील्डिंग में बाधा डालने के लिए आउट देने की अपील की। अंपायर्स इससे सहमत नजर नहीं आ रहे थे। इसके बाद उन्होंने वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों से बात की ग्रीन को नॉटआउट दिया। हालांकि सोशल मीडिया पर यह बहस जारी है कि ग्रीन आउट थे या नहीं।
वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के कोच ने मांगी सफाई
वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के कोच एडम वोग्स ने कहा कि दिन के अंत में उन्होंने फील्ड अंपार्स से ग्रीन को आउट न देने की वजह पूछी थी। वोग्स के मुताबिक वह अब भी अंपायर्स से जवाब का इंतजार कर रहे हैं। क्रिस ग्रीन ज्यादा समय तक क्रीज पर नहीं टिक सके और 19 रन बनाकर चार्ल्स स्टुबु की ही गेंद पर बैनक्रॉफ्ट को आउट दे बैठे।
क्या कहते हैं नियम
एमसीसी के लॉ 37.2 के मुताबिक , ‘यदि गेंद खेल में है और दोनों में से कोई भी बल्लेबाज फील्ड में बाधा उत्पन्न कर रहा है, यानी कि बल्लेबाज जानबूझकर फील्डिंग टीम को बाधित करने का प्रयास करता है तो बल्लेबाज को आउट करार दिया जाता है। अगर खिलाड़ी खुद को चोटिल होने से बचाने के लिए, अनजाने में ऐसा करता है तो खिलाड़ी नाबाद रहेगा।’