दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में 6 नवंबर को बांग्लादेश ने श्रीलंका को 3 विकेट से हरा दिया। वनडे वर्ल्ड कप में बांग्लादेश की श्रीलंका के खिलाफ यह पहली जीत है। मैच के दौरान विपक्षी कप्तान शाकिब अल हसन की अपील पर श्रीलंकाई ऑलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज को टाइम-आउट दिया गया।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार ऐसा कुछ हुआ। इसके बाद बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन की काफी आलोचना हुई। हालांकि, उन्हें अपने कदम पर कोई पछतावा नहीं था। मैथ्यूज के खिलाफ टाइम आउट अपील वापस लेने से शाकिब का इनकार मैथ्यूज के परिवार को अच्छा नहीं लगा।

डेक्कन क्रॉनिकल से बातचीत में एंजेलो के भाई ट्रेविस मैथ्यूज ने कहा कि शाकिब का अब श्रीलंका में स्वागत नहीं किया जाएगा। डेक्कन क्रॉनिकल ने एंजेलो के भाई ट्रैविस मैथ्यूज के हवाले से कहा, ‘हम बहुत निराश हैं। बांग्लादेशी कप्तान में कोई खेल भावना नहीं है।’

शाकिब ने जेंटलमैन गेम में नहीं दिखाई ह्यूमिनिटी: एंजेलो मैथ्यूज के भाई

ट्रैविस मैथ्यूज ने कहा, ‘शाकिब ने भद्रजनों के खेल में मानवता नहीं दिखाई। श्रीलंका में शाकिब का स्वागत नहीं होगा। अगर वह यहां कोई अंतरराष्ट्रीय या एलपीएल (लंका प्रीमियर लीग) मैच खेलने आते हैं तो उन पर पत्थर फेंके जाएंगे या उन्हें प्रशंसकों की झुंझलाहट का सामना करना पड़ेगा।’

शाकिब अल हसन बनाम एंजेलो मैथ्यूज के बीच हुई घटना ने एक अंतहीन बहस को जन्म दिया है। लोग बड़े पैमाने पर खेल भावना के बारे में बात कर रहे हैं। खेल के समापन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाकिब कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन नियमानुसर मैं सही था।

शाकिब ने खुद को सही ठहराया था

बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कप्तान से जब पूछा गया कि अगर वह एंजेलो मैथ्यूज की जगह होते तो क्या करते। शाकिब अल हसन का सीधा जवाब था, ‘मैं सावधान रहता। मेरे साथ ऐसा नहीं होता।’

दूसरी ओर, एंजेलो मैथ्यूज ने इस तथ्य पर जोर दिया कि समय रहते वह अपनी क्रीज पर पहुंच गए थे, लेकिन गेंद खेलने से पहले उन्हें पता चला कि उनके हेलमेट की स्ट्रिप टूट गई है। इस वजह से उन्होंने दूसरा हेलमेट मंगाया। इसी में देर हो गई और दो मिनट की अधिकतम समय सीमा निकल गई।