वेंकट कृष्ण बी। भारतीय टीम की विस्फोटक बल्लेबाज शेफाली वर्मा इस समय घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। उनके बल्ले से जमकर रन बरस रहे हैं। हालांकि कुछ समय पहले यह हालात नहीं थे। शेफाली वर्मा खराब फॉर्म से जूझ रही थी और वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज से पहले उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। शेफाली के लिए वह समय बहुत भारी था, एक तरफ उनके पिता अस्पताल के बिस्तर पर थे और दूसरी ओर उन्हें यह खबर मिली।
शेफाली के पिता को आया था हार्टअटैक
इंडियन एक्सप्रेस ने शेफाली वर्मा के हवाले से लिखा, ‘उस चीज से निकलना आसान नहीं था। मैं अपने पिता को नहीं बताना चाहती थी क्योंकि मेरे पिता को टीम के ऐलान से दो दिन पहले ही हार्टअटैक आया था। मैंने उनसे बात छुपा कर रखी। वह अस्पताल में थे। मैंने उन्हें एक हफ्ते बाद बताया।’
शेफाली के पिता ने कराई तैयारी
शेफाली के पिता संजीव को जब पता चला कि उनकी बेटी से ड्रॉप हो गई हैं तो उन्होंने फौरन ही वापसी की तैयारी शुरू करा दी। संजीव ने अपने पूरी तरह ठीक होने का भी इंतजार नहीं किया। सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी शुरू होने से पहले उन्होंने शेफाली को ट्रेनिंग देना शुरू किया।
शेफाली ने कहा, ‘पिता सब कुछ जानते हैं, कभी-कभी बच्चे के रूप में हम भी अपनी ताकत भूल जाते हैं लेकिन वह नहीं भूलते। उन्होंने मुझे बचपन के वर्कआउट और अभ्यास की याद दिलाई और मुझे भी वैसा ही करने में मदद की। जब मैंने शुरुआत की, तो हमारे पास ये नॉकिंग ड्रिल्स थीं – जहां मैं ऑन-ड्राइव, स्ट्रेट ड्राइव खेलती थी और यही मैंने काम किया। ये मेरी ताकत हैं और कभी-कभी आपको उन पर काम करने की ज़रूरत होती है ताकि आपको याद रहे कि आप उनमें कितने अच्छे हैं।”
उन्होंने कहा, ‘मैंने इस दौरान लगातार ऐसी जगह काम किया है जहां गेंदें मेरी ताकत के हिसाब से नहीं आती हैं, मैं सिंगल कैसे लेती हूं, मैं स्ट्राइक कैसे रोटेट करती हूं, मैं अपनी पारी कैसे बनाती हूं – यह आखिरी चीज़ है जिस पर मैं लगातार काम करती रहती हूं। हर कोई मेरी ताकत जानता है, लेकिन लगातार लक्ष्य यह सीखना है कि पारी को बेहतर तरीके से कैसे बनाया जाए, ताकि मैं मानसिक रूप से समझदार बन सकू।’