सात बार की चैंपियन अमेरिका की दिग्गज सेरेना विलियम्स शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियाई ओपन से बाहर हो गईं। सेरेना को चीन की वांग कियांग से हार का सामना करना पड़ा। विलियम्स को अपने 24वें ग्रैंडस्लैम खिताब के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा जिन्हें तीसरे दौर में 27वीं वरीयता प्राप्त कियांग ने 6-4, 6-7, 7-5 से मात दी। सेरेना सात बार यह खिताब जीत चुकी है लेकिन 2006 में तीसरे दौर में बाहर होने के बाद पहली बार इतनी जल्दी उनकी रवानगी हुई है। पहली बार ऑस्ट्रेलियाई ओपन में खेल रही गैरवरीय कोको ने जापान की तीसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी ओसाका को तीसरे दौर के मुकाबले में 6-3, 6-4 से हराया। इस जीत के साथ ही कोको ने यूएस ओपन में इस खिलाड़ी से मिली हार का बदला भी ले लिया। वहीं 15 साल की किशोर खिलाड़ी कोको गॉ ने गत चैम्पियन नाओमी ओसाका का सफर खत्म कर उलटफेर किया।

टूर्नामेंट में भाग ले रही सबसे कम उम्र की खिलाड़ी को अगले दौर में 14वीं वरीयता प्राप्त अमेरिका की सोफिया केनिन और चीन की झांग शुआई के बीच होने वाले मुकाबले के विजेता से भिड़ना होगा। सेरेना जहां 38 साल की हो गई है वही कोको उनसे 23 साल छोटी है। दोनों के खेल में टेनिस के भूतकाल और भविष्य की झलक दिखी। सेरेना की दोस्त और दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी कैरोलिन वोज्नियाकी ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन के तीसरे दौर में मिली हार के साथ अश्रुपूरित नेत्रों से टेनिस को अलविदा कह दिया।

वोज्नियाकी ने दिसंबर में ही कह दिया था कि यह उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा। उन्हें ट्यूनीशिया की ओंस जाबुर ने 7.5, 3.6, 7.5 से हराया। इसके साथ ही उनके सुनहरे करियर का अंत हो गया जिसमें उन्होंने 30 डब्ल्यूटीए खिताब जीते। उन्होंने एकमात्र ग्रैंडस्लैम 2018 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीता था। विश्व रैंकिंग में 78वें स्थान पर काबिज जाबुर से मिली हार के बाद वह अपने आंसू नहीं रोक सकी। मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उनकी आंखें लाल और सूजी हुई थी।

उन्होंने मजाक में कहा ,‘‘ मैने फोरहैंड पर गलती के साथ अपना करियर खत्म किया। मैं अपने पूरे करियर में इन चीजों पर मेहनत करती रही हूं।’’ रिकॉर्ड आठवां खिताब जीतने के लिए उतरे नोवाक जोकोविच ने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए ऑस्ट्रेलियाई ओपन के चौथे दौर में जगह बना ली। पुरूषों के वर्ग में गत चैम्पियन सर्बिया के जोकोविच ने जापान के योशिहितो निशिओका को 6-3, 6-2 , 6-2 से मात दी। वह 50वीं बार किसी ग्रैंड स्लैम के अंतिम 16 में पहुंचे हैं जबकि रोजर फेडरर यह कमाल 67 बार कर चुके हैं। (भाषा इनपुट के साथ)