दुनिया की नंबर वन महिला टेनिस खिलाड़ी रह चुकीं सेरेना विलियम्स (Serena Williams) मैच में जीत हासिल करने के लिए अंधविश्वास और टोटके भी आजमाती हैं। उन्होंने कई बार हार के बाद अपने खेल को नहीं, बल्कि टोटकों को सही तरीके से लागू नहीं करने को दोषी ठहराया है। आइए जानते हैं कि सेरेना विलियमम्स कामयाबी के लिए किन अंधविश्वासों का सहारा लेती हैं।

23 ग्रैंड स्लैम जीतने वाली सेरेना विलियम्स खास जूते ही पहनती हैं। उनके दम पर उनके पैरों को आराम मिलता है। वह तेजी से कोर्ट पर दौड़ती हैं। सेरेना जूते नहीं, बल्कि उनके फीतों को लेकर अंधविश्वासी हैं। वह खास अंदाज में जूते के फीते बांधती हैं। उनकी कोशिश होती है कि मैच के दौरान उनके फीते ना खुलें। मैच के दौरान जूते के फीते खुलने को सेरेना अपशकुन मानती हैं।

सेरेना का अंधविश्वास जूतों के फीतों तक ही सीमित नहीं हैं। वह मैच से पहले टेनिस कोर्ट पर शावर सैंडल पहनकर आती हैं। जीत हासिल करने के लिए सेरेना एक और टोटका करती हैं। वह किसी भी टूर्नामेंट में अगर पहला मैच जीतती हैं तो उसके बाद हर मैच में मोजे पहनकर कोर्ट पर उतरती हैं। यानी सेरेना मैच जीतने तक उन्हीं मोजे को पहनती हैं। यही नहीं वह उन्हें धोती भी नहीं हैं। इसके अलावा जब भी उनका परिवार या मित्र मैच देखने आते हैं तो उनकी जगह फिक्स होती है। मतलब वे उसी जगह बैठते हैं, जहां पहले मैच में बैठे थे। हर टूर्नामेंट में ऐसा ही होता है।

ऐसा नहीं है कि सिर्फ महिला टेनिस खिलाड़ी ही टोटका करती हैं। विश्व रैंकिंग में नंबर वन रह चुके उनके हमवतन आंद्रे अगासी (Andre Agassi) तो जीत के लिए बिना अंडरवियर पहने मैच खेले थे। अगासी का मानना था कि अंडरवियर ना पहनना उनके लिए जीत का शगुन है। अगासी फ्रेंच ओपन में सबसे पहले बिना अंडरवियर पहनकर कोर्ट में उतरे थे।

उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘मैं फ्रेंच ओपन के पहले दौर में एक मुश्किल विरोधी से भिड़ने वाला था। वह तब अपने करियर का सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहा था। मैच से पहले जब मैं लॉकर रूम में पहुंचा तो मैंने पाया कि मैं अपने अंडरवियर ही भूल गया हूं। मैं बिना अंडरवियर के ही कोर्ट पर उतरा और जीत गया। मैं पूरे टूर्नामेंट बिना अंडरवियर पहने ही कोर्ट में उतरा मैंने फ्रेंच ओपन का खिताब जीत लिया।’

अपने करियर में 8 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले अगासी इसके अलावा टेनिस कोर्ट की लाइन पर कभी पैर नहीं रखते थे। यही नहीं, वह टेनिस की 3 गेंद हाथ में लेते थे। उसमें से एक बॉल बॉय के पास वापस भेज देते थे।