दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी सेरेना विलियम्स कल जब अमेरिकी ओपन टेनिस टूर्नामेंट में उतरेंगी तो उनके ऊपर इतिहास रचने का दबाव होगा।

मात्र 17 साल की उम्र में 1999 में अमेरिकी ओपन के साथ अपना पहला ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली 33 साल की सेरेना को न्यूयार्क में कल से शुरू हो रहा टूर्नामेंट जीतकर अपने करियर के 22वें मेजर खिताब के साथ 1988 में स्टेफी ग्राफ के बाद कैलेंडर स्लैम पूरा करने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनने का बड़ा दावेदार माना जा रहा है।

सेरेना ने कहा, ‘‘मैंने फैसला किया है कि मुझे नहीं जीत पाने के दबाव की तुलना में यह दबाव पसंद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक व्यक्ति इस दबाव को नहीं झेल पाता लेकिन मुझे इसके साथ कोई परेशानी नहीं है। मैं किसी ओर की तुलना में इस स्थिति में रहना पसंद करूंगी।’’

सेरेना ने कहा कि वह इस प्रतियोगिता के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसके लिए तैयार हूं। मैं इस टूर्नामेंट में खेलने के लिए तैयार हूं। मैं हारूं या जीतूं या बराबरी पर रहूं इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं इस टूर्नामेंट को शुरू करने और पूरा करने के लिए तैयार हूं और फिर अगली प्रतियोगता के बारे में सोचूंगी।’’

सेरेना कल रूस की वितालिया दियातचेनको के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगी और अमेरिकी ओपन में उन्हें चौथी बार शीर्ष वरीयता दी गई है। वह इससे पहले शीर्ष वरीय खिलाड़ी के रूप में 2002, 2013 और पिछले साल यहां खिताब जीत चुकी हैं।

दूसरी वरीय सिमोना हालेप को सेरेना की राह की सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है और ये दोनों खिलाड़ी फाइनल से पहले आमने सामने नहीं होंगी। रूस की तीसरी वरीय मारिया शारापोवा, डेनमार्क की चौथी वरीय कैरोलीन वोजनियाकी और 20012 तथा 2013 की उप विजेता बेलारूस की विक्टोरिया अजारेंका सभी पैर में चोट की समस्या से जूझ रही हैं।