आज के परिवेश में छोटे बच्चे सभी के घरों पर मोबाइल में अपना अत्यधिक समय व्यतीत करते हैं। माता-पिता बच्चों से बचपन में मोबाइल दूर नहीं कर पाते हैं और जैसे-जैसे वह बड़े होते हैं फिर फोन को दूर करना एक बड़ी चुनौती होता है। लेकिन आज के माता-पिता के लिए एक बहुत बड़ा उदाहरण बन कर आए हैं महज तीन साल के चेस खिलाड़ी सर्वज्ञ सिंह के माता पिता। सर्वज्ञ आज मोबाइल की जगह दिन में 4-5 घंटे शतरंज का अभ्यास करते हैं।
हर माता-पिता के लिए उदाहरण बने सर्वज्ञ के मम्मी-पापा
भारतीय चेस जगत में 3 साल सात महीने के इस शतरंज खिलाड़ी की एंट्री ने सभी को हैरान कर दिया है। खास बात यह है कि सर्वज्ञ सिंह के माता और पिता के अनुसार उन्होंने अपने बच्चे से मोबाइल छुड़ाने के लिए उसे बचपन में शतरंज की तरफ मोड़ने का प्रयास किया।
आज उसका नतीजा यह है कि उनका बेटा महज 3 साल की उम्र में इतिहास रच चुका है। सर्वज्ञ के पिता सिद्धार्थ सिंह और माता नेहा सिंह आज हर उन माता-पिता के लिए उदाहरण हैं जो अपने बच्चों से मोबाइल छुड़ाना चाहते हैं।
फिडे (FIDE- International Chess Federation) की ताजा रैंकिंग में 3 साल सात महीने के सर्वज्ञ सिंह ने एंट्री की है। ताजा रैंकिंग में उनके रैपिड रेटिंग अंक 1572 हैं। फिडे के नियमों की बात करें तो किसी भी अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी को हराना फिडे रैंकिंग में आने के लिए जरूरी होता है।
वह अब चेज जगत के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने तीन साल सात महीने 20 दिन की उम्र में इतिहास रचा। उनसे पहले पिछले साल ही अनीष सरकार ने 3 साल आठ महीने और 19 दिन की उम्र में यह कारनामा किया था।
सर्वज्ञ ने तीन इंटरनेशनल खिलाड़ियों को दी मात
सर्वज्ञ ने एक नहीं तीन इंटरनेशनल खिलाड़ियों को मात दी है जो फिडे रैंकिंग का हिस्सा हैं। उन्होंने 24वें आरसीसी इंटरनेशनल रैपिड कप में 22 वर्षीय अभिजीत अवस्थी (रेटिंग 1542) को हराया था। उसके बाद जीएच रायसोनी मेमोरियल में भी सर्वज्ञ ने अभिजीत को मात दी थी।
फिर धूनिवाले ओपन में 29 वर्षीय शुभम चौरसिया (रेटिंग 1559) को और डॉ. अजीत कसलीवाल मेमोरियल ओपन रैपिड में 20 वर्षीय योगेश नामदेव (रेटिंग 1696) को तीन साल के सर्वज्ञ ने हराया था।
दुनिया के दिग्गजों से भी आगे सर्वज्ञ
सर्वज्ञ सिंह ने जिस उम्र में शतरंज की रैंकिंग में जगह बना ली है। उस उम्र में दुनिया के कई नामी दिग्गज खिलाड़ी शायद गुमनाम थे। अगर मैग्नस कार्लसन की बात करें तो उन्होंने 5 साल, पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने 6 साल और वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश ने 7 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया था और उनका नाम फिडे रेटिंग में आया था। अब सर्वज्ञ ने अपना नाम इतिहास के पन्नों पर अमर कर लिया है।
