भारत और पाकिस्तान के बीच चैम्पियंस ट्रॉफी का फाइनल मैच कल यानी 18 जून को लंदन के ओवल मैदान पर खेला जाएगा। यह 11वीं बार होगा, जब भारत पाकिस्तान किसी आईसीसी टूर्नामेंट में भिड़ेंगे। चैम्पिंयस ट्रॉफी में दोनों देश चार बार भिड़े हैं और दोनों से दो-दो बार जीत हासिल की है। यानी यहां तो पलड़ा बराबरी का है। फैन्स अपनी पसंदीदा टीम की जीत का दावा कर रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के इटावा में रहने वाले महबूब हसन भारतीय टीम का समर्थन करेंगे। हसन कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तानी टीम के कप्तान सरफराज अहमद के मामा हैं। हसन इटावा एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज में क्लर्क हैं और इसी जगह अपने परिवार के साथ रहते हैं। सरफराज की मां अकीला बानो (हसन की बहन) शकील अहमद से शादी करने के बाद कराची शिफ्ट हो गई थीं। उसका परिवार एक स्टेशनरी की दुकान चलाता है।

एचटी से बातचीत में भारतीय टीम को सपोर्ट करते हुए हसन ने कहा, प्रेशर कहां है, सरफराज अपनी टीम के लिए खेल रहा है। मेरे बच्चों और मैंने हमेशा भारतीय टीम का सपोर्ट किया है। जब पूछा गया कि वह कैसे मैच के प्रेशर से निपटेंगे। उन्होंने कहा, सरफराज की टीम हमारी टीम से मुकाबला नहीं कर पाएगी। हमारे पास ज्यादा काबिल खिलाड़ी हैं और भारतीय टीम शानदार है। उन्होंने कहा, मैं शर्त लगा सकता हूं कि भारतीय टीम ही चैम्पियंस ट्रॉफी जीतेगी।

हसन ने कहा कि कठिन वीजा नियमों और कभी-कभी मिलने के बावजूद उनके भान्जे सरफराज उनसे काफी करीब हैं। हसन एक बार सरफराज के लिए ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर दुआ मांगने भी गए थे, ताकि वह पाकिस्तानी टीम में सिलेक्ट हो जाएं। उनकी दुआएं रंग लाईं और वह आज चैम्पियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

हसन और उनके परिवार ने लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में उन्हें खेलते हुए भी देखा है। हसन गर्व से बताते हैं कि वह उन्हें यह मैच दिखाने कराची से लाहौर फ्लाइट से ले गए थे। आखिरी बार दोनों 2016 में चंडीगढ़ में मिले थे। उस वक्त पाकिस्तान का अॉस्ट्रेलिया के साथ टी-20 विश्व कप मुकाबला हुआ था।

सरफराज अपने मामा महबूब हसन के साथ (फोटो-HT)