इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज के पहले 2 टेस्ट मैचों में भारतीय बल्लेबाज अपनी क्षमता के अनुरुप प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। हालांकि तीसरे टेस्ट मैच के पहले दिन जरुर भारतीय बल्लेबाजों ने इंग्लिश गेंदबाजों का अच्छी तरह से सामना किया। कप्तान विराट कोहली ने जहां 97 रनों की पारी खेली और वह शतक बनाने से केवल 3 रनों से चूक गए। वहीं उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने 81 रनों की शानदार पारी खेली। दोनों ही बल्लेबाजों से 40 से ज्यादा ओवरों तक इंग्लैंड की गेंदबाजों को खुशी मनाने का कोई मौका नहीं दिया। कोहली और रहाणे के बीच हुई साझेदारी की मदद से भारत ने पहले दिन के खत्म होने तक 307-6 का स्कोर बना लिया था। युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत क्रीज पर टिके हैं और दूसरे दिन भारतीय बल्लेबाजी उन पर काफी निर्भर करेगी। पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद भारत के असिस्टेंट कोच संजय बांगर पत्रकारों से रुबरु हुए। इस दौरान भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर जब टीम के असिस्टेंट कोच संजय बांगर से बात की गई तो उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि भारतीय बल्लेबाज इस वक्त काफी दबाव में हैं।
संजय बांगर ने कहा कि “खिलाड़ी बेहद दबाव में खेल रहे हैं और वह अपने करियर के लिए खेल रहे हैं। हम यह बात समझ सकते हैं। ऐसे वक्त में जब परिस्थितियां आपके पक्ष में नहीं होती हैं, तब मानसिक संतुलन बनाए रखना बेहद जरुरी होता है। चाहे चीजें अच्छी चल रही हों या नहीं दोनों परिस्थितियों में अपना मानसिक संतुलन बनाए रखना बेहद अहम होता है और यही चीज खिलाड़ी को उबरने में भी मदद करती है।” बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन के बाद टीम के सपोर्ट स्टाफ पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। लेकिन बांगर इससे चिंतित नहीं हैं। उनका मानना है कि नौकरी के साथ इस तरह के दबाव आते ही हैं।
बांगर ने कहा कि हम सभी ये बात समझते हैं कि कोई जादू की छड़ी नहीं है कि हम किसी बल्लेबाज पर उसका इस्तेमाल कर सकें। लोगों को समझना होगा कि विदेश में खेले गए पिछले 5 टेस्ट मैचों में हम परिस्थितियों के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पाए। संजय बांगर ने आगे कहा कि हम मानते हैं कि दबाव झेलना हमारा काम है और हम वो सब करने की कोशिश कर रहे हैं, जो हम कर सकते हैं। हम खिलाड़ियो को सपोर्ट देने और बेहतर योजना, रणनीति बनाने पर भी ध्यान दे रहे हैं। टेंटब्रिज में भारतीय बल्लेबाजों के अच्छे प्रदर्शन पर संजय बांगर ने कहा कि जिस तरह से शिखर धवन ने अपनी बैटिंग में बदलाव किए हैं और जिस तरह से उसने अपने बल्ले की स्पीड कम की है, उसके बाद से वह बेहतर तरीके से खेल पा रहा है। ये बदलाव पिछले 6-7 दिनों में किए गए हैं और उसे इसका क्रेडिट भी मिलना चाहिए। उसी तरह केएल राहुल पहले बैकफुट पर खेलने की कोशिश कर रहा था और बॉल की मूवमेंट के बाद रिएक्ट कर रहा था। ऐसे ही कुछ बदलाव के बाद हम उम्मीद कर रहे हैं कि भारतीय बल्लेबाज सीरीज के बचे हुए मैचों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।