इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रैंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर (आरसीबी) ने मंगलवार यानी 9 नवंबर 2021 को अपने बल्लेबाजी सलाहकार संजय बांगड़ को अगले दो साल के लिए टीम मुख्य कोच नियुक्त किया। आरसीबी ने 13 साल बाद किसी हिंदुस्तानी को टीम का हेड कोच बनाया है।
आरसीबी ने इससे पहले 2008 में वेंकटेश प्रसाद को टीम का हेड कोच बनाया था। फ्रैंचाइजी ने बांगड़ को फरवरी 2021 में टीम का बल्लेबाजी सलाहकार बनाया था।अब वह माइक हेसन की जगह मुख्य कोच की जिम्मेदारी संभालेंगे। माइक हेसन क्रिकेट संचालन निदेशक की अपनी वर्तमान भूमिका में टीम के साथ बने रहेंगे।
ऑस्ट्रेलिया के साइमन कैटिच के निजी कारणों से पद छोड़ने के बाद यूएई में आईपीएल के दूसरे चरण के लिए हेसन को मुख्य कोच की अतिरिक्त भूमिका सौंपी गई थी। संजय बांगड़ आईपीएल के छठे भारतीय हेड कोच हैं। उनसे पहले वेंकटेश प्रसाद, लालचंद राजपूत, रॉबिन सिंह, वीरेंद्र सहवाग और अनिल कुंबले आईपीएल की विभिन्न टीमों को अपनी कोचिंग सेवाएं दे चुके हैं।
अनिल कुंबले अब भी पंजाब किंग्स के हेड कोच हैं। वीरेंद्र सहवाग साल 2017 में किंग्स इलेवन पंजाब, लालचंद राजपूत 2008 में मुंबई इंडियंस और रॉबिन सिंह 2010 से 2012 तक मुंबई इंडियंस के हेड कोच रहे थे।
संजय बांगड़ भी 2014 से 2016 तक प्रीति जिंटा के सह-मालिकाना हक वाली फ्रैंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) के हेड कोच रह चुके हैं। उन्हें दूसरी बार आईपीएल की किसी टीम ने हेड कोच की जिम्मेदारी सौंपी है।
संजय बांगड़ को जनवरी 2014 में आईपीएल से पहले किंग्स इलेवन पंजाब का सहायक कोच बनाया गया था। सीजन के दौरान ही उन्हें मुख्य कोच पर पदोन्नत कर दिया गया था। उनकी कोचिंग में ही किंग्स इलेवन पंजाब ने आईपीएल में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।
उस सीजन प्रीति जिंटा की टीम फाइनल खेली थी। फाइनल में उसे कोलकाता नाइटराइडर्स से हार झेलनी पड़ी थी। वह तीन साल तक किंग्स इलेवन पंजाब के कोच रहे। बाद में बीसीसीआई के हितों के टकराव के नियमों का पालन करने के लिए अपना पद छोड़ना पड़ा।
आरसीबी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट किए गए वीडियो में हेसन ने कहा, ‘आज हमने संजय बांगड़ को अगले दो साल के लिए आरसीबी का मुख्य कोच नियुक्त किया। संजय एक बेहद सम्मानित कोच हैं। उन्हें मुख्य रूप से बल्लेबाजी कोच के रूप में जाना जाता है, लेकिन उनके पास निश्चित रूप से इससे कहीं अधिक विशेषज्ञता है।’
संजय बांगड़ को कोचिंग का अपार अनुभव है। वह 2014 से 2019 पांच साल तक भारत की सीनियर टीम के बल्लेबाजी कोच रहे थे। बांगड़ ने अपनी नई भूमिका के बारे में कहा, ‘मैंने टीम में कुछ असाधारण और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ काम किया है। मैं इस टीम को अगले स्तर पर ले जाने के लिए इंतजार नहीं कर सकता।’ 49 साल के संजय बांगड़ ने भारत की तरफ से 2001 से 2004 के बीच 12 टेस्ट और 15 एकदिवसीय मैच खेले थे।