ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल का प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनने का सपना रविवार को फाइनल में स्पेन की कारोलिना मारिन के हाथों हार के साथ टूट गया।
विश्व में तीसरे नंबर की भारतीय खिलाड़ी के पास के इतिहास रचने का सुनहरा मौका था लेकिन वह पहला गेम जीतकर बढ़त का फायदा नहीं उठा पायी और एक घंटे से थोड़े अधिक समय तक चले महिला एकल के फाइनल में मौजूदा विश्व चैंपियन से 21-16, 14-21, 7-21 से हार गयी। इस तरह से साइना लंबे समय तक अपने कोच रहे पुलेला गोपीचंद (2001) और एक अन्य दिग्गज प्रकाश पादुकोण (1980) की बराबरी करने में नाकाम रही।
गोपीचंद और पादुकोण ने पुरुष वर्ग में इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का खिताब जीता है। साइना 2007 से आल इंग्लैंड में खेल रही है। वह इससे पहले कभी कारोलिना से नहीं हारी थी और एक समय लग रहा था कि वह आसान जीत दर्ज कर लेगी लेकिन इसके बाद विश्व में छठे नंबर की स्पेनिश खिलाड़ी ने शानदार वापसी की और बारक्लेयार्ड एरेना में भारतीय उम्मीदों पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
साइना के साथ करोड़ों भारतीयों की दुआएं थे। यहां तक कि सचिन तेंदुलकर ने भी सोसल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर उन्हें शुभकामनाएं दी थी लेकिन साइना उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पायी। इससे पहले 2010 और 2013 में सेमीफाइनल में हारने वाली साइना फिर से बेहद करीब पहुंचकर खिताब जीतने में नाकाम रही। साइना ने वैसे कुल 16 अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं।
निर्णायक गेम में कारोलिना ने शुरू से करारे स्मैश और बेहतर मूवमेंट से दबदबा बनाये रखा और इसे एकतरफा गेम बना दिया। इस साल जनवरी में लखनऊ में सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के फाइनल में कारोलिना को हराने वाली साइना को शुरू से खिताब का दावेदार माना जा रहा था। काली ड्रेस पहनकर उतरी साइना ने शुरू में गलती की लेकिन वह जल्द ही 4-2 से बढ़त बनाने में कामयाब रही। बायें हाथ से खेलने वाली कारोलिना ने गलतियां करके अंक गंवाये और साइना 8-4 से आगे हो गयी।
स्पेनिश खिलाड़ी हालांकि जब भी अंक बनाती तब जोर से चिल्लाती। वह शायद भारतीय पर मानसिक दबाव बनाने के लिये ऐसा कर रही थी। साइना ने कारोलिना के डिफेन्स की कमजोरियों का फायदा उठाया और ब्रेक के समय वह 11-6 से आगे थी। कारोलिना ने वापसी की कोशिश की लेकिन इसके बावजूद वह साइना की बराबरी पर नहीं पहुंच पायी और जल्द ही भारतीय खिलाड़ी 20-11 से आगे हो गयी। स्पेनिश खिलाड़ी ने हालांकि हार नहीं मानी और लगातार चार अंक बनाये। साइना ने स्मैश जमाकर पहला गेम अपने नाम किया।
ब्रेक के बाद एकदम से कहानी बदल गयी और उन्होंने साइना को करारा जवाब देना शुरू कर दिया। वह जल्द ही मैच में पहली बार 12-11 से बढ़त हासिल करने में कामयाब रही। स्पेनिश खिलाड़ी ने अपने सटीक स्ट्रोक की मदद से यह बढ़त जल्द ही 17-14 कर दी। उन्होंने छह गेम प्वाइंट होने का पूरा फायदा उठाया और साइना का शाट बाहर जाने से वह दूसरा गेम अपने नाम करने में सफल रही। निर्णायक गेम कारोलिना ने 3-1 की बढ़त बना दी। वह एकदम से साइना पर हावी हो गयी और फिर उन्होंने अपनी बढ़त 6-2 कर दी।
साइना के स्ट्रोक संतुलित नहीं थे और यहां तक कि उनके सर्विस रिटर्न भी बाहर गये। साइना का मूवमेंट भी धीमा पड़ गया। साइना की गलतियों का फायदा उठाकर कारोलिना ब्रेक तक 11-4 से आगे हो गयी। साइना पर दबाव बढ़ता गया और आखिर में वह वापसी करने में नाकाम रही। कारोलिना ने स्मैश जमाकर आल इंग्लैंड का खिताब अपने नाम किया।
