भारतीय कुश्ती महासंघ :डब्ल्यूएफआई: ने कहा कि वह डोपिंग विवाद में फंसे पहलवान नरसिंह यादव के साथ मजबूती से खड़ा है। मंगलवार को खेल पंचाट इस खिलाड़ी के रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने या ना लेने पर फैसला करेगी। डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने बुधवार को कहा कि नरसिंह के पास ओलंपिक में खेलने का पूरा मौका है।
उन्होंने सुनवाई से एक दिन पहले यहां कुश्ती के आयोजन स्थल पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमने अपना होमवर्क किया है। अंतरराष्ट्रीय संचालन संस्था से मंजूरी मिलने के बाद ही नरसिंह यहां आए। क्या यह कोई मजाक है?’’सिंह ने कहा, ‘‘वास्तव में किसी खिलाड़ी के नाम को मंजूरी मिलने तक उसे ओलंपिक गांव में प्रवेश करने नहीं दिया जाता। उन्हें खिलाड़ी का वैध मान्यता कार्ड मिला हुआ है क्योंकि 74 किग्रा पुरूष फ्रीस्टाइल प्रतिस्पर्धा के लिए उनके नाम को मंजूरी दी गयी थी।’’
उन्होंने नरसिंह के करियर को प्रभावित करने वाले चार साल के प्रतिबंध की आशंका को लेकर पूछे जाने पर कहा, ‘‘यह मीडिया के एक वर्ग के दिमाग की उपज है जो उनके करियर ऐसी जानकारी मिली है कि सुनवाई का समय दो घंटे आगे कर दिया गया है और वह कल शहर के एक होटल में स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे की जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या नरसिंह सुनवाई में मौजूद होंगे, सिंह ने कहा, ‘‘कल इसी समय उनका वजन किया जाएगा।’’सुनवाई के दौरान भारतीय ओलंपिक संघ :आईओए: के महासचिव राजीव मेहता मौजूद होंगे। सुनवाई में नरसिंह के वकील वी सिंघानिया नयी दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए खिलाड़ी का पक्ष रखेंगे। नरसिंह को खेल पंचाट के फैसले का बेसब्री से इंतजार करना होगा। अगर स्वीकृति मिली तो वे शुक्रवार को बाउट में हिस्सा लेंगे। मेहता ने घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा कि नरसिंह के वकील वीडियो कांफ्रेंस के जरिए खिलाड़ी का पक्ष रखेंगे।उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास दो विकल्प हैं, या तो दो दिन का समय लें और मामला लड़े या जवाब के लिए एक महीने का समय लें जिससे उनका करियर खतरे में पड़ जाता। उनकी किस्मत का फैसला अब 18 अगस्त को होगा। हम अंत तक लड़ेंगे।’’आईओए के महासचिव ने कहा, ‘‘हम गुणदोष के आधार पर जवाब देंगे, अच्छे के लिए उम्मीद करनी चाहिए। हमारे पास मौजूद यह सर्र्वश्रेष्ठ विकल्प है और अब हम उम्मीद के सहारे हैं।”