रियो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों को भारतीय खाना खाने के लिए मिल रहा है। ऐसा किसी भी ओलंपिक के इतिहास में पहली बार हुआ है। ओलंपिक के गेम्स विलेज में यह सुविधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के बाद शुरू हुई। NDTV के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने इस बात का विशेष ख्याल रखने को कहा था कि रियो में खिलाड़ियों को इंडियन फूड ही मिले। लेकिन यह इतना आसान नहीं था। ओलंपिक विलेज में बाहर से खाना नहीं भेजा जा सकता। वहां खिलाड़ियों को वही खाना होता है जो दिया जाता है। भारत की तरफ से ओलंपिक गेम्स ऑर्गेनाइजिंग कमेटी से कई बार विनती की गई कि भारतीय खाने की व्यस्था की जाए। लेकिन उन्होंने साफ इंकार कर दिया था। इसके बाद फिर जब इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने लगातार मेल भेजने जारी रखे तब जाकर भारतीय खाने को वहां के मेन्यू में शामिल कर लिया गया। अब जो शाकाहारी हैं उन्हें आसानी से मनपंसद खाना मिल जाता है। भारतीय खाने में वहां पर दाल मखनी, पुलाव, पनीर मसाला, सांभर, तंदूरी चिकन, अंडा, तंदूरी रोटी और रायता दिया जा रहा है। इसके साथ ही मीठे में सोन पापड़ी और गुलाब जामुन भी हैं।

खेल सचिव राजीव शुक्ला ने इस बारे में इक्नोमिक टॉइम्स से बात की। उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों को घर जैसा फील करवाने के लिए यह सब किया गया है। इससे वह शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से खेल के लिए तैयार रहेंगे। इस बार हमने अपने खिलाड़ियों को काफी पहले भी उस जगह भेज दिया जहां खेल होने हैं। इससे खिलाड़ी मानसिक रूप से परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढाल लेते हैं।’

यह सब उस फंड से हुआ है जिसे मोदी सरकार ने ओलंपिक खिलाड़ियों के लिए दिया था। केंद्र सरकार ने इस बार पूरे 135 करोड़ रुपए ओलंपिक के लिए दिए। इससे खाने के अलावा बाकी सुविधाओं का भी ख्याल रखा जा रहा है।

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