Rio Olympics 2016 में पदक जीतने के करीब पहुंची भारतीय जिमनास्ट को ‘नजरबंद’ कर दिया गया है। चौंकिए मत, उन्हें कोई सजा नहीं मिली है। बल्कि उनके कोच बिश्वेश्वर नंदी ने 14 अगस्त को होने वाली वॉल्ट फाइनल से पहले दीपा का ध्यान केन्द्रित करने के लिए ऐसा किया है। दीपा को ओलंपिक खेल गांव में ‘नजरबंद’ किया गया है। त्रिपुरा के अगरतला से आने वाली दीपा अपने घर से करीब 15,000 किलोमीटर दूर हैं। मंगलवार, 9 जुलाई को उनका 23वां जन्मदिन भी है, लेकिन ऐसा लगता है कि ‘नजरबंदी’ की स्थिति में परिवार को छोड़कर वह किसी से बात नहीं करेंगी। उनके साथ उनकी रूममेट साईखोम मीराबाई चानू मौजूद हैं, चानू इकलौती भारतीय महिला वेटलिफ्टर हैं। इसके अलावा कोच नंदी भी उनके साथ हैं, नंदी पिछले 16 साल से दीपा के कोच हैं। नंदी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, ”मैंने उसके मोबाइल का सिम कार्ड निकाल दिया है। मैं उसका ध्यान बंटने नहीं देना चाहता।” दीपा ओलंपिक की जिमनास्टिक्स प्रतियोगिता के वाॅल्ट फाइनल में पहुंचने के बाद पूरे देश की चहेती बन गई हैं।
दीपा के कोच नंदी ने कहा, ”उसके जन्मदिन का जश्न अभी इंतजार कर सकता है। मैं उसे छोटे-छाेटे ब्रेक्स देता हूं जिस दौरान उसे अपने माता-पिता से बात करने की इजाजत है। लेकिन वह इससे विचलित नहीं होती। वह दोस्तों से दूर रहना पंसद करती है। उसके दोस्त भी बेहद कम हैं क्योंकि जिमनास्टिक्स आसान नहीं है।” दीपा ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट बन गई हैं। वह नई दिल्ली के साई सेंटर में ट्रेनिंग लेती है। दीपा ने खतरनाक प्रोडुनोवा वॉल्ट (महिलाओं के लिए सबसे कठिन माना जाता है) परफॉर्म कर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा।