ओलंपिक में पिछले 20 साल का अपना सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले चीन ने रियो ओलंपिक में अपने लचर प्रदर्शन का जिम्मेदार कड़ी प्रतिस्पर्धा को ठहराया है और वादा किया है कि वे अपनी ‘कमियों’ का आकलन करेंगे। चीन ने 410 खिलाड़ियों का दल भेजा था जो विदेशी सरजमीं पर हो रहे ओलंपिक में उसका सबसे बड़ा दल है। हालांकि प्रतियोगिता में अब जब सिर्फ एक दिन का खेल और होना है तब देश सिर्फ 24 स्वर्ण पदक जीत पाया है जो अटलांटा 1996 के बाद उसका सबसे खराब प्रदर्शन है। चीन इस बार सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि ब्रिटेन से भी पदक तालिका में पीछे चल रहा है जिससे मीडिया में उसकी आलोचना हो रही है।

चीन 2008 में पदक तालिका में शीर्ष पर रहा था जबकि 2004 और 2012 में वह दूसरे स्थान पर था। चीन ओलंपिक समिति के प्रमुख ल्यू पेंग ने कहा कि बढ़े हुए स्तर से वह हैरान हैं। ल्यू ने कहा, ‘कुछ समस्याएं हैं जिनकी हम अनदेखी नहीं कर सकते। रियो खेलों में हम काफी पदक नहीं जीत पाए। हम उन चुनौतियों का आकलन नहीं कर पाए जिनका सामना इन खेलों में हमें करना पड़ सकता था।’ उन्होंने कहा, ‘हाल के वर्षों में अधिक देशों ने ओलंपिक खेलों को अहमियत दी है इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर में सुधार हुआ है और प्रतिस्पर्धा कड़ी हो गई है।’