नेमार ने अंतिम पेनल्टी को गोल में बदलकर ब्राजील को जीत दिलाई जिससे मेजबान टीम ने रियो के मराकाना स्टेडियम में पेनल्टी शूट आउट में जर्मनी को हराकर पहली बार ओलंपिक फुटबॉल का स्वर्ण पदक जीता। ब्राजील ने शूट आउट में 5-4 से जीत दर्ज की और इसके साथ ही दो साल पहले विश्व कप सेमीफाइनल में जर्मनी के खिलाफ 7-1 की हार का बदला भी चुकता कर दिया। निर्धारित और अतिरिक्त समय के बाद स्कोर 1-1 से बराबर था। पांच बार का विश्व चैम्पियन ब्राजील अपने इतिहास में ओलंपिक स्वर्ण पदक के रूप में अब तक एकमात्र बड़ा खिताब जीतने से वंचित रहा था। लेकिन बार्सीलोना के स्टार नेमार ने विजयी पेनल्टी दागकर अपनी टीम को खिताब दिला दिया और फिर भावुक होकर रोकने लगे।

रियो खेलों के अब तक के सबसे अधिक दर्शकों के सामने नेमार की शानदार फ्री किक से ब्राजील ने पहली हाफ में बढ़त बनाई। दर्शकों के बीच जमैका के नौ स्वर्ण पदक विजेता उसेन बोल्ट भी मौजूद थे। जर्मनी के कप्तान मैक्स मेयर ने हालांकि स्टेडियम में मौजूद लगभग 78000 दर्शकों को उस समय सन्न कर दिया जब उन्होंने एक घंटे से ठीक पहले जेरेमी टोलजन के क्रॉस को गोल में पहुंचाकर जर्मनी टीम को बराबरी दिला दी। इसके बाद कोई टीम गोल नहीं कर पाई।

शूट आउट में पहली आठ पेनल्टी पर दोनों टीमों ने चार-चार गोल किए। ब्राजील के गोलकीपर वेवर्टन ने इसके बाद निल्स पेटरसन की पेनल्टी को रोकर नेमार के लिए जीत का मंच तैयार किया। नेमार ने अपनी टीम और प्रशंसकों को निराश नहीं किया और पेनल्टी को गोल में बदलकर ब्राजील को चैम्पियन बना दिया।