रियो ओलंपिक से पहले दमदार प्रदर्शन से उत्साहित भारतीय पुरुष टीम शनिवार से यहां शुरू हो रही हाकी स्पर्धा में 36 साल पुराना पदक का इंतजार खत्म करने के इरादे से उतरेगी। आठ बार की ओलंपिक चैंपियन भारतीय टीम ने आखिरी बार ओलंपिक स्वर्ण 1980 में मास्को में जीता था। इसके बाद से टीम पदक के करीब भी नहीं पहुंची और बेजिंग ओलंपिक 2008 में तो जगह भी नहीं बना सकी।
चार साल पहले भारत ने क्वालीफाई किया लेकिन आखिरी स्थान पर रहा। इस बार चैंपियंस ट्राफी में ऐतिहासिक रजत पदक जीतने वाली पीआर श्रीजेश की अगुवाई वाली भारतीय टीम पिछले खराब प्रदर्शन का कलंक मिटाने के इरादे से आई है। भारत का सामना शनिवार को पहले मैच में आयरलैंड से होगा। भारतीय पुरुष टीम को गत चैंपियन जर्मनी, उपविजेता नीदरलैंड और पेन अमेरिका की दो शीर्ष टीमों अर्जेंटीना और कनाडा के साथ रखा गया है। ऐसे में उसे हर मैच में संभलकर खेलना होगा क्योंकि जरा सी चूक क्वार्टर फाइनल का समीकरण बिगाड़ सकती है। भारत के पास श्रीजेश के रूप में विश्व स्तरीय गोलकीपर है जबकि मिडफील्ड भी शानदार है। डिफेंडरों को बेहतर प्रदर्शन करते हुए आखिरी मिनटों में गोल गंवाने से बचना होगा।
भारतीय टीम एक ड्रा और एक जीत से क्वार्टर फाइनल में पहुंच सकती है। वहीं जर्मनी, ब्रिटेन या नीदरलैंड जैसी दिग्गज टीमों को हराने पर उसे अंतिम आठ में आस्ट्रेलिया से नहीं भिड़ना पड़ेगा। नए प्रारूप के तहत दोनों ग्रुप से शीर्ष चार टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगी।आयरलैंड पहली बार ओलंपिक खेल रहा है और यूरोपीय चैंपियनशिप में तीसरे स्थान पर पहुंचकर वह यहां पहुंचा है। विश्व लीग में उसने पाकिस्तान और मलेशिया जैसी टीमों को हराया था। भारत के लिए आक्रमण का दारोमदार कप्तानी से बेदखल किए गए सरदार सिंह और उपकप्तान एस वी सुनील पर होगा। सरदार भले ही शीर्ष फार्म में नहीं हो लेकिन उनका अनुभव उन्हें बेजोड़ बनाता है।