अनुभवहीन प्रार्थना थोंबारे के साथ रियो ओलंपिक के महिला युगल के पहले ही दौर में हारकर इस वर्ग में पदक की दौड़ से बाहर हो चुकी टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को अब भी मिश्रित युगल में देश के लिए पदक जीतने की उम्मीद है। लगभग दो घंटे 44 मिनट तक चले मैच में सानिया और थोंबारे को चीन की शुआई पेंग-शुआई झांग की जोड़ी ने 7-6 :8-6:, 5-7, 7-5 से हराया। इसके बाद सानिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं कैसा भी खेलूं लेकिन भारत मुझसे हमेशा से स्वर्ण की उम्मीद करता है। आखिरकार हम लोग केवल कोशिश कर सकते हैं। खेल में किसी चीज की गारंटी नहीं होती। हम लोग सिर्फ कोशिश करके अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं।’’

टेनिस के पुरूष और महिला युगल में भारत को मिली हार के बाद अब मिश्रित युगल में ही भारत की एकमात्र उम्मीद बची है, जिसमें रोहन बोपन्ना और सानिया की जोड़ी देश का प्रतिनिधित्व करेगी। कड़ी चुनौती के बावजूद मिली हार के बाद हैदराबाद की खिलाड़ी ने अपनी जोड़ीदार थोंबारे का बचाव किया। हालांकि उन्होंने कहा कि मिश्रित युगल मुकाबला भी इतना ही कड़ा होगा।

सानिया ने कहा, ‘‘उसकी आलाचना करना बंद करिये, वह विश्व में 190वें स्थान पर है। उसने उन लोगों के साथ खेला जो शीर्ष 50 में हैं। उसके साथ इतना कड़ा रुख अख्तियार करने की जरूरत नहीं है। हमने विश्व की सबसे अच्छी जोड़ियों में से एक के खिलाफ दो घंटे 44 मिनट तक कड़ी चुनौती पेश की।’’

Rio olympics 2016 से जुड़ी तमाम खबरों के लिए क्लिक करें