जरा सोचिए कि क्रिकेट मैच के दौरान कोई बल्लेबाज शानदार तरीके से खेलते हुए शतक बनाने के काफी करीब हो और गेंदबाज उसे परेशान करते हुए वाइड पर वाइड गेंदें फेंकता जाए, तो क्या होगा। जाहिर सी बात है कि सामने वाली टीम को रन तो मिलेंगे लेकिन क्रिज पर मौजूद बल्लेबाज अपने शतक से कुछ कदम दूर ही रहेगा। ऐसा ही कुछ रिजनल सुपर 50 टूर्नामेंट के दौरान लिवार्ड आइलैंड्स और कैंट के बीच हुआ है। मंगलवार को वेस्ट इंडीज के नॉर्थ साउथ इलाके में दोनों टीमों के बीच मैच खेला गया, जहां आइलैंड के गेंदबाज ने कुछ ऐसी हरकत कर दी जिसकी वजह से बल्लेबाज को 99 रनों पर ही समझौता करना पड़ा।

आइलैंड्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए विरोधी टीम को 184 रनों का टारगेट दिया था। लक्ष्य का पीछा करने उतरी कैंट की टीम के ओपनर बल्लेबाज जैक क्रॉले नाबाद 98 रनों पर खेल रहे थे और उन्हें शतक बनाने के लिए महज दो रन और चाहिए थे। इसके अलावा कैंट की टीम को जीतने के लिए महज 4 रन चाहिए थे। क्रॉले जब स्ट्राइक पर मौजूद थे तब आइलैंड्स के शिनो ब्रिज गेंदबाजी कर रहे थे, उनका उद्देश्य क्रॉले को किसी भी तरह से शतक बनाने से रोकना था। इसे पूरा करने के लिए शिनो ने कुछ गेंदे स्टंप्स के बाहर की ओर (वाइड) फेंकी, ताकि क्रॉले रन ना बना सकें। तीसरी गेंद पूरी तरह से पिच के बाहर थी, लेकिन क्रॉले ने किसी तरह से एक रन ले लिया और स्ट्राइक सीन डिकसन को मिल गई।

कैंट को जीतने के लिए मात्र 1 रन चाहिए था। डिकसन चाहते थे कि क्रॉले अपना शतक पूरा कर लें, इसलिए उन्होंने पूरे ओवर में कोई रन नहीं बनाया। ओवर की आखिरी गेंद पर डिकसन ने गेंद को मिडविकेट की तरफ मारा, इस मौके पर क्रीज के दूसरे छोर पर मौजूद क्रॉले ने अपने शतक की चिंता किए बिना ही एक रन लेने के लिए इशारा कर दिया, लेकिन डिकसन ने मना कर दिया। वहीं आइलैंड्स ने उस गेंद को बाउंड्री तक जाने दिया। ऐसा करने से कैंट मैच तो जीत गया, लेकिन क्रॉले 99 रन ही बना सके। कैंट ने इस मैच को 9 विकेट से जीता। क्रॉले को मैन ऑफ द मैच से सम्मानित किया गया। वहीं आइलैंड्स को अपनी हरकत की वजह से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।