रविचंद्रन अश्विन का मानना है कि गेंदबाजों को भी बल्लेबाजों की तरह आजादी की जरूरत है। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर को लगता है कि पाकिस्तान के सकलैन मुश्ताक इकलौते स्पिनर थे, जो अपने करियर के दौरान ‘वैध दूसरा’ गेंद डालते थे। अश्विन चाहते हैं कि खेल की संचालन संस्था इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) को कोहनी मोड़ने की मौजूदा 15 डिग्री की सीमा को हटाकर स्वीकार्य स्तर तक की मंजूरी दे देनी चाहिए।

अश्विन ने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व ‘परफॉर्मेंस’ विश्लेषक प्रसन्ना अगोराम से चर्चा के दौरान ऑफ स्पिनर्स की इस खतरनाक गेंद के बारे में विस्तार से बात की। सकलैन ने ‘दूसरा’ फेंकने की शुरुआत की और ‘रांग उन’ गेंदबाजी करने वालों में मुथैया मुरलीधरन, हरभजन सिंह और सईद अजमल शामिल हैं। अश्विन ने अपने तमिल यूट्यूब चैनल शो ‘द लीजेंड ऑफ द दूसरा’ में अगोराम के साथ चर्चा में कहा, ‘मेरे हिसाब से, हमें इसे (दूसरा को) खत्म नहीं करना चाहिए, बल्कि स्पिनर्स को कोहनी के उचित मोड़ और जिम्मेदारी के साथ दूसरा गेंद फेंकने के लिए सक्षम करना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘इसमें किसी भी तरह का उल्लघंन नहीं होना चाहिए। हर किसी को (15 डिग्री या 20-22 डिग्री) तक मोड़ के साथ गेंदबाजी की अनुमति देनी चाहिए।’ अगोराम चाहते हैं कि आईसीसी कोहनी को 15 डिग्री तक मोड़ने की सीमा को बढ़ा दे। वह यह भी चाहते हैं कि स्पिनर्स को जिम्मेदारी से दूसरा गेंद फेंकनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘मैं बल्ले और गेंद में बराबर संतुलन चाहता हूं। गेंदबाजों को भी बल्लेबाजों की तरह आजादी की जरूरत है। इसी से प्रतिस्पर्धा बेहतर हो सकती है। मैं गेंदबाजों को टी20 क्रिकेट में 125 रन के स्कोर का बचाव करते हुए देखना चाहता हूं। लब्बोलुवाब यही है।’

अगोराम ने कहा, ‘लेकिन कुछ मामलों में जब अंपायर्स का एक्शन सिर्फ दूसरा के लिए होता है तो मैं चाहता हूं कि आईसीसी इस कोहनी के मुड़ाव को 18.6 डिग्री तक कर दे। अगर गेंदबाजों को दूसरा गेंदबाजी की अनुमति मिल जाती है तो प्रतिस्पर्धा (बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच) पर विचार किया जाना चाहिए।’

अश्विन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर सकलैन मुश्ताक ही एकमात्र गेंदबाज थे जो दूसरा गेंद को खूबसूरती से वैध रूप से फेंकते थे। उनके अनुसार वैध दूसरा फेंकने वाले एक अन्य स्पिनर शोएब मलिक हैं जिन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान लगाना शुरू कर दिया।