दुनिया के नंबर वन टेस्‍ट गेंदबाज रविचन्‍द्रन अश्विन सबसे अच्‍छा बॉलर होना आसान नहीं है लेकिन लगातार मेहनत से ऐसा किया जा सकता है। एक अंग्रेजी चैनल से बातचीत में उन्‍होंने कहा कि टीम से बाहर किए जाने के बाद मुझे समझ में आया कि यह दुनिया असफल लोगों के लिए नहीं है, यह दुनिया सक्‍सेसफुल लोगों के लिए ही है। 2015 में सबसे ज्‍यादा विकेट लेने के सवाल पर अश्विन ने बताया कि इससे पहले मुझसे बहुत सारी गलतियां हुई जिसके चलते गेंदबाजी बिगड़ गई। बहुत तरह की बॉलिंग करके मेरा गेंदबाजी एक्‍शन खराब हो गया। इस दौरान मैंने शेन वार्न, मुरलीधरन और बिशन सिंह बेदी से बात की, उन्‍होंने बताया कि कुछ गड़बड़ तो है।

Read Also: 1973 में बिशन सिंह बेदी के बाद 2015 में आर. अश्विन रहे नंबर वन टेस्ट गेंदबाज और आलराउंडर

अश्विन ने आगे कहाकि एडिलेड टेस्‍ट से बाहर करने के बाद रवि शास्‍त्री और भरत अरुण ने मुझसे बात की। उन्‍होंने कहा कि तुम्‍हारे एक्‍शन में गडबड़ी है, इसे ठीक करने की जरूरत है। तेरा हाथ बहुत घुमता है। अरुण पाजी ने बताया कि इसमें सुधार कर  तू दुनिया का बेस्‍ट बॉलर बनेगा। मेरा मानना है कि सीखने की ललक होनी चाहिए। अगर कोई बेगर है तो उसे दुनिया का बेस्‍ट बेगर होना चाहिए। यही मेरे जीवन की फिलॉसॉफी है।  अश्विन ने बताया कि अभी वे जिस पॉजीशन पर हैं उसमें और सुधार होगा।  30 साल के बाद मेरी बॉलिंग और ठीक होगी। मेरा क्रिकेट प्‍लानिंग से शुरु हुआ। बैटसमैन के वीडियो देख देखकर मैने बाॅलिंग करना सीखा लेकिन अब जाना कि स्किल भी जरूरी होता है। प्‍लानिंग और स्किल का ही नतीजा है कि अभी सक्‍सेस मिली है।

Read Also: अश्विन की फार्म में वापसी से खुश हैं धोनी

प्‍लानिंग को लेकर पूछे जाने पर अश्विन ने बताया कि, एशेज सीरिज में मैंने ग्रेम स्‍वान को माइकल हसी को आउट करते देखा था और मैंने भी उसी तरह की प्‍लानिंग बनाई। मेलबर्न में मैंने हसी को एक्‍स्‍ट्रा कवर और दूसरा कवर रखकर ऑफ स्पिन डालना शुरु किया। इस तरह से उसने 10-12 गेंद खेली और हर बार गेंद फील्‍डर के पास गई। इसी दौरान हसी ने सिंगल के लिए खेला तो उसका बल्‍ला घूम गया और स्लिप की ओर कैच गया लेकिन राहुल भाई(द्रविड़) से कैच छूट गया। अगर वो कैच पकड़ लेते तो मैं पूरे मैदान का चक्‍कर काटता। ऐसे ही मैंने अभी दक्षिण अफ्रीका से  सीरिज में डीन एल्‍गर के खिलाफ किया। एल्‍गर गेंद को अगेंस्‍ट द स्पिन खेलता है और इस तरह से मैंने मोहाली मैं उसे आउट किया और उसे बोला भी तू इंडिया में ऐसे शॉट नहीं मार सकता।
 जोहानिसबर्ग और मेलबर्न में विकेट न मिलने के बाद टीम से बाहर किए जाने के बारे में अश्विन ने कहाकि इन वाकयों से पता चला कि यह दुनिया सिर्फ सफल लोगों के लिए है, असफल लोगों के लिए नहीं है। मैं सबको यही कहता हूं कि अगर टीम में जगह नहीं है तो सिर्फ इम्‍प्रूव करके ही जगह मिल सकती है, ब्‍लेम करने से कुछ नहीं होता। अपने मुख्‍य हथियार कैरम बॉल के बारे में अश्विन ने बताया कि बचपन से ही उन्‍होंने इस गेंद का अभ्‍यास किया है। श्रीलंका के अजंता मेंडिंस को देखने के बाद मुझे लगा कि मैं भी कर सकता हूं। उन्‍होंने कहाकि सब लोग दूसरा डाल रहे थे इसीलिए मैंने कैरम बॉल ईजाद की। मुझे लगता था कि इसे सही तरीके से नहीं डाला जा सकता।
अश्विन ने बताया कि 400 या 500 विकेट लेना मेरा टारगेट नहीं है मेरा लक्ष्‍य है कि गेंदबाजी में स्‍ट्रेटजी लाऊंगा। कप्‍तान बनने का भी सपना है लेकिन कभी इस पर ध्‍यान नहीं दिया। अभी टीम के जो दो कप्‍तान हैं वे बेस्‍ट हैं। धोनी और कोहली की खासियत के बारे में पूछे जाने पर अश्विन ने बताया कि धोनी अपने इमोशन को अलग रखकर निर्णय लेता है यह उसकी सबसे बड़ी खासियत है, ऐसा करना बहुत मुश्किल है।  वहीं कोहली इमोशनल है, अगर टीम हारती है तो वह दुखी रहता है। कोहली टीम को एक्‍सीलेंस की ओर ले जाता है और वह बड़े दिल का है।