दुनिया के नंबर वन टेस्ट गेंदबाज रविचन्द्रन अश्विन सबसे अच्छा बॉलर होना आसान नहीं है लेकिन लगातार मेहनत से ऐसा किया जा सकता है। एक अंग्रेजी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि टीम से बाहर किए जाने के बाद मुझे समझ में आया कि यह दुनिया असफल लोगों के लिए नहीं है, यह दुनिया सक्सेसफुल लोगों के लिए ही है। 2015 में सबसे ज्यादा विकेट लेने के सवाल पर अश्विन ने बताया कि इससे पहले मुझसे बहुत सारी गलतियां हुई जिसके चलते गेंदबाजी बिगड़ गई। बहुत तरह की बॉलिंग करके मेरा गेंदबाजी एक्शन खराब हो गया। इस दौरान मैंने शेन वार्न, मुरलीधरन और बिशन सिंह बेदी से बात की, उन्होंने बताया कि कुछ गड़बड़ तो है।
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अश्विन ने आगे कहाकि एडिलेड टेस्ट से बाहर करने के बाद रवि शास्त्री और भरत अरुण ने मुझसे बात की। उन्होंने कहा कि तुम्हारे एक्शन में गडबड़ी है, इसे ठीक करने की जरूरत है। तेरा हाथ बहुत घुमता है। अरुण पाजी ने बताया कि इसमें सुधार कर तू दुनिया का बेस्ट बॉलर बनेगा। मेरा मानना है कि सीखने की ललक होनी चाहिए। अगर कोई बेगर है तो उसे दुनिया का बेस्ट बेगर होना चाहिए। यही मेरे जीवन की फिलॉसॉफी है। अश्विन ने बताया कि अभी वे जिस पॉजीशन पर हैं उसमें और सुधार होगा। 30 साल के बाद मेरी बॉलिंग और ठीक होगी। मेरा क्रिकेट प्लानिंग से शुरु हुआ। बैटसमैन के वीडियो देख देखकर मैने बाॅलिंग करना सीखा लेकिन अब जाना कि स्किल भी जरूरी होता है। प्लानिंग और स्किल का ही नतीजा है कि अभी सक्सेस मिली है।
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