विशाल मेनन

ड्रेसिंग रूम वह जगह है जहां रणनीतियां बनती हैं, मैदान पर खेल की पटकथा लिखी जाती है। रणजी ट्रॉफी के क्‍वार्टर-फाइनल में उत्‍तर प्रदेश के खिलाफ मैच में सौराष्‍ट्र के ड्रेसिंग रूम में कुछ ऐसा ही हुआ। पहले दो दिन का खेल खत्‍म होने पर सौराष्‍ट्र पूरी तरह मैच से बाहर लग रहा था, कारण- पहली पारी में उसने यूपी को 177 रन की लीड दे दी थी। हालांकि तीसरे दिन जब ब्रेक हुआ तो ड्रेस‍िंग रूम के भीतर चेतेश्‍वर पुजारा ने साथी खिलाड़‍ियों में जोश भरा।

सौराष्‍ट्र के कप्‍तान जयदेव उनादकट ने कहा, “हमारे लिए अच्‍छी बात ये थे कि इस मैच में हमारे साथ पुजारा था। और उन्‍होंने हम सबसे कहा, ‘साथियों, ये पांच दिन का खेल है और हम मैच में वापसी कर सकते हैं।'” पुजारा के इन शब्‍दों ने जैसे जादू सा असर किया। ऐसा नहीं कि खिलाड़‍ियों को अपनी क्षमता पर कोई शक था, पर पुजारों की बातों से उन्‍हें अपने दिमाग की ऊहापोह रोकने में मदद मिली।

चूंकि यह पांच दिन का मैच था इसलिए टीम को समय मिला और नॉक-आउट मुकाबले में वापसी का समय भी। उनादकट ने कहा, “कोई नहीं सोच रहा था कि हम मैच से बाहर हैं। टीम में यही बात हो रही थी कि यह दो पारियों का खेल होगा। हालांकि हमने पहले मुकाबले में अच्‍छा प्रदर्शन नहीं किया, किया भी होता तो भी हम बेहद सतर्क रहते।”

उत्‍तर प्रदेश के कप्‍तान अक्षदीप नाथ भी पुजारा की बात से सहमत दिखे। उन्‍होंने कहा, “हां, हमने चार दिन का मैच मानकर इसे खेला और यही वो बात थी जो हमारे खिलाफ गई। ऐसे मुकाबलों में, खिलाड़‍ियों को थोड़ा और धैर्य दिखाने की जरूरत होती है और चूंकि समय ज्‍यादा था, इसलिए सौराष्‍ट्र को वापसी करने का मौका मिल गया।”

यूपी की टीम में से सिर्फ अंकित राजपूत और सौरभ कुमार को पांच दिन के मैच खेलने का अनुभव था। पुजारा की ड्रेसिंग रूम में बातचीत के दो दिन बाद सौराष्‍ट्र ने चौथी पारी में 372 रनों का रिकॉर्ड लक्ष्‍य हासिल कर इतिहास रच दिया। इसी दौरान उन्‍होंने यूपी के खिलाफ अपने 8वें रणजी ट्रॉफी मुकाबले में पहली जीत दर्ज की।