WTC Final में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 209 रनों से हार का सामना करना पड़ा और इस हार के बाद भारत के हाथों से 10 साल बाद आईसीसी ट्रॉफी जीतने का मौका निकल गया। भारत की हार के कई कारण बताए गए, जिसमें से एक था आर अश्विन को प्लेइंग इलेवन से बाहर करना। अश्विन को प्लेइंग इलेवन से बाहर बिठाने के फैसले को लेकर कप्तान और कोच की खूब आलोचना हुई थी। ऐसे में आर अश्विन ने पहली बार इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अश्विन ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में बताया है कि उन्हें WTC Final में खेलने का मौका नहीं मिलने के बाद कैसा लगा था?

अश्विन ने जवाब में क्या कहा?

आर अश्विन ने एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा है कि इस बारे में कुछ भी कहना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि हम WTC Final में हारकर आए हैं। अश्विन ने कहा कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेलना मुझे काफी अच्छा लगता, क्योंकि मैंने टीम को वहां तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है यहां तक कि पिछले WTC Final में मैंने चार विकेट लिए थे और अच्छी गेंदबाजी की थी। अश्विन ने कहा कि 2018-19 के बाद से विदेशी पिचों पर मेरी गेंदबाजी अच्छी रही है और मैंने टीम के लिए अपना योगदान दिया है।

अश्विन ने कोच और कप्तान का किया बचाव

आर अश्विन ने इस दौरान कप्तान और कोच का बचाव करते हुए कहा कि पिछली बार जब हम इंग्लैंड में खेले थे तो 5 टेस्ट मैचों की सीरीज 2-2 से ड्रॉ रही थी। तो ऐसे में इस बार डब्ल्यूटीसी फाइनल में कोच और कप्तान को यही लगा होगा कि 4 पेसर और 1 स्पिनर का कॉम्बिनेशन खिलाया जाना चाहिए। अश्विन ने कहा कि किसी भी टेस्ट की चौथी पारी काफी अहम होती है और डब्ल्यूटीसी फाइनल में एक स्पिनर खिलाना पूरी तरह से मानसिकता का खेल है।

आलोचना पर क्या बोले अश्विन?

अश्विन ने आगे कहा कि अब पीछे मुड़कर देखना ठीक नहीं है, कोई मुझे जज करे इस बारे में सोचना भी मूर्खता है। मुझे लगता है कि मैं अपने करियर के उस पड़ाव पर नहीं हूं कि यह सोचूं कि दूसरे मेरे बारे में क्या सोच रहे हैं। मुझे पता है कि मैं क्या करने में सक्षम हूं। अगर मैं किसी चीज़ में अच्छा नहीं हूं तो मैं सबसे पहले अपना आलोचक बनूंगा और मैं इस पर काम करूंगा।