भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के बीच अंदरुनी कलह जारी है। पीटी उषा ने सोमवार को एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष सहदेव यादव पर आरोप लगाया था। उनका कहना था कि ओलंपिक खिलाड़ियों को वित्तीय तरीके से सम्मानित करने के प्रस्ताव को सहदेव ने मंजूर नहीं किया। कोषाध्यक्ष ने अध्यक्ष पीटी उषा के आरोपों को झूठ बताया है।

उषा ने सोमवार को कहा था कि यह ‘बेहद चिंताजनक’ है कि कार्यकारी समिति के सदस्य ओलंपिक पदक विजेताओं को सम्मानित करने में विफल रहे और उन्होंने वित्त समिति पर पेरिस खेलों के लिए भारतीय खिलाड़ियों की तैयारी के लिए दिए जाने वाले कोष को रोकने का आरोप लगाया। उषा के दावों का खंडन करते हुए सहदेव ने कहा, ‘‘कार्यकारी समिति के सदस्यों के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है और न ही पेरिस ओलंपिक 2024 के पदक विजेताओं के लिए सम्मान समारोह आयोजित करने के लिए लिखित में कोई आधिकारिक प्रस्ताव है।’’

सहदेव ने उलटा भारत की पूर्व एथलीट उषा पर आईओए संविधान के अनुसार जिम्मेदारी लेने के बजाय ‘झूठ फैलाने’ और ‘मनगढ़ंत बातें’ करने का आरोप लगाया। सहदेव ने कहा, ‘‘हम यह समझ नहीं पा रहे हैं आईओए अध्यक्ष पूरे देश में झूठ क्यों फैला रही हैं। उषा के पास न तो कोई सबूत है और न ही कोई वास्तविक आधार है लेकिन इसके बावजूद कार्यकारी समिति के सदस्यों को नीचा दिखा रही हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनके बार-बार के प्रयास और प्रस्ताव कुछ और नहीं बल्कि सफेद झूठ हैं जिन्हें अध्यक्ष हर बार मीडिया के सामने मगरमच्छ के आंसू बहाते हुए गढ़ती रहती हैं।’’

उषा ने सोमवार को कहा था कि वह पेरिस ओलंपिक के खिलाड़ियों का सम्मान न करने के कारण दुखी हैं। उषा ने यह भी खुलासा किया था कि ओलंपिक जाने वाले प्रत्येक खिलाड़ी के लिए दो लाख रुपये और प्रत्येक कोच के लिए एक लाख रुपये के तैयारी अनुदान के प्रस्ताव को वित्त समिति, खासकर सहदेव ने रोक दिया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सहदेव ने कहा, ‘‘यह सभी की जानकारी के लिए है कि कार्यकारी समिति के सदस्यों और वित्त समिति द्वारा अनुशंसित और अनुमोदित किसी भी प्रस्ताव का भुगतान आईओए के कोषाध्यक्ष सहदेव यादव द्वारा बिना किसी देरी के किया गया है।’