प्रो कबड्डी के इतिहास में 500 रेड अंक हासिल करने वाले राहुल चौधरी आज नंबर-1 खिलाड़ी हैं लेकिन इस मुकाम के पीछे उनके बड़े भाई का अहम योगदान है। बिजनौर (यूपी), जहां सिर्फ दो ही खेलों पर खासा ध्यान दिया जाता है। ऐसे में पले-बढ़े जब राहुल 10 साल के थे तो बड़े भाई रोहित गांव की टीम से खेलते थे। इसके बाद राहुल ने भी कबड्डी के गुर भाई से सीखने शुरू किए और 13 साल की उम्र में स्कूल की टीम के लिए सेलेक्ट हुए।

लेकिन क्या आपको पता है कि राहुल का परिवार कभी नहीं चाहता था कि वह बड़े भाई के नक्शेकदम पर चलें। माता-पिता चाहते थे कि राहुल अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। खुद राहुल बताते हैं कि मां, पिताजी चाहते थे कि मैं पढ़ूं लेकिन मेरा मन तो कबड्डी खेलने में लगता था। आगे के दरवाजे से घुसता तो पीछे दीवार फांद के चला जाता और वापस आके पिताजी की मार भी पड़ जाती थी।

राहुल चौधरी। (Photo Courtesy: Star Sports)

लोकल टीम के साथ 2-3 साल खेलने के बाद राहुल साई के ट्रायल के लिए 2009 में गांधीनगर (गुजरात) आए। कबड्डी के प्रति जुनून के चलते राहुल एयर इंडिया कबड्डी टीम में चुन लिए गए। राहुल बताते हैं कि ‘मैं एयर इंडिया के लिए कॉन्ट्रेक्ट बेसिस पर काम करता था इस वजह से सफर के लिए फ्री टिकट मिल जाती थी। राहुल आज जिस मुकाम पर हैं उसका श्रेय अपने भाई रोहित को देते हैं।

राहुल चौधरी। (Photo Courtesy: Star Sports)

प्रो कबड्डी लीग में 500 रेड अंक हासिल करने वाले राहुल बताते हैं कि ‘2014 में मैंने पिताजी को बताया कि तेलुगु टाइटंस ने मुझे 8.20 लाख में खरीदा है तो पहले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। वह बोले कि तू झूठ बोल रहा है लेकिन जब खेलते हुए टीवी पर देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। राहुल की मेहनत और लगन के चलते अक्टूबर में वह नेशनल टीम के लिए वर्ल्ड कप में भी खेले।