राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का असर अब क्रिकेट पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। साल दर साल दिल्ली की हवा प्रदूषित होती जा रही है, जिसे रोकने के लिए डीजल से चलने वाले जनरेटर के उपयोग पर पाबंदी लगाई गई थी और अब इसी पाबंदी का असर क्रिकेट पर भी पड़ रहा है। 1 नवंबर को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले पहले टी-20 मैच पर तलवार लटकती दिखाई दे रही है। दरअसल दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) को गुरुवार को एनवायरमेंट पॉल्यूशन (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी (ईपीसीए) की तरफ से एक पत्र भेजा गया, जिसमें 1 नवंबर को होने वाले मैच के दौरान दिल्ली की हवा की खराब स्थिति को देखते हुए डीजल से चलने वाले जनरेटर का उपयोग ना करने की बात कही गई थी। बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट मैच के दौरान लाइटिंग और लगातार पावर सप्लाई के लिए डीडीसीए 125 KVA वाले पांच डीजल जनरेटर का उपयोग करता है। अब डीडीसीए को डीजल जनरेटर की जगह अन्य किसी स्त्रोत का इस्तेमाल करना होगा।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि अब डीडीसीए के हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासक विक्रमजीत सेन ने इस मामले में बीएसईएस चेयरमैन से संपर्क किया है। डीडीसीए के सूत्रों का कहना है, ‘हमें ईपीसीए के द्वारा गुरुवार को जानकारी दी गई है। हम बीएसईएस से लोड को डबल करने के लिए बात कर रहे हैं। लगातार पावर सप्लाई के लिए और लाइटिंग के लिए हमें 3000-3500 KVA की जरूरत है।’ हालांकि ईपीसीए चीफ ने डीडीसीए को आश्वासन दिया है कि उन्हें टेंपरेरी पावर कनेक्शन की सुविधा दी जाएगी। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा है कि ईपीसीए ने बताया है कि दिल्ली में बिजली की कोई कमी नहीं है, ऐसे में अब जिम्मेदारी DISCOMS की है कि वह बिना किसी रुकावट के मैच के दौरान बिजली प्रोवाइड कराए।
बता दें कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन टी-20 मैच एक से सात नवम्बर के बीच खेले जाएंगे। पहला मैच एक नवम्बर को दिल्ली में, दूसरा मैच चार नवम्बर को राजकोट में और तीसरा मैच सात नवम्बर को तिरुवनंतपुरम में खेला जाएगा।

