ग्वालियर में मंगलवार (5 अगस्त) को प्रो पंजा लीग 2025 की शुरुआत हुई। इस दौरान भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूई सुपरस्टार द ग्रेट खली और अभिनेता राजपाल यादव भी मौजूद रहे। टूर्नामेंट में ग्वालियर के 39 साल के हेड कांस्टेबल सचिन भदौरिया भी जलवा बिखेरने को तैयार हैं।

सचिन भदौरिया प्रो पंजा लीग की शेर-ए-लुधियाना फ्रेंचाइजी का हिस्सा हैं। उन्होंने जनसत्ता के साथ बातचीत में बताया कि वह कैसे आर्म रेसलिंग तक पहुंचे? ड्यूटी और ट्रेनिंग कैसे मैनेज करते हैं? इस गेम का फ्यूचर क्या है? क्या इसमें करियर बनाने पर विचार किया जा सकता है।

आर्म रेसलिंग में कैसे पहुंचे?

आर्म रेसलिंग पुलिस गेम्स में 2021 में आया था। ग्वालियर में एकेडमी संचालित करने वाले मनीषजी ने मुझे एप्रोच किया था कि ये आप खेल सकते हो। उनसे मेरी पहले मुलाकात हुई थी। उन्होंने कहा था कि आप में स्ट्रेंथ अच्छी है तो खेलना। ऑल इंडिया पुलिस विभाग में आया तो मैंने शुरू किया।

कैसे मैनेज करते हैं ड्यूटी और प्रैक्टिस?

जब आपको जिंदगी से एक्स्ट्रा चाहिए होता है तो मेहनत भी एक्स्ट्रा करनी पड़ती है। हम ड्यूटी पूरी ईमानदारी से करते हैं। सुबह से लेकर रात तक ड्यूटी करते हैं। ड्यूटी के बाद प्रैक्टिस करता हूं। रात 9 बजे से लगभग 11-11.30 तक प्रैक्टिस करता हूं।

आर्थिक रूप से दिक्कत नहीं

आर्थिक रूप से अगर देखेंगे तो पैसे की कमी नहीं होती है। पैसा इतना मिलता है कि प्रैक्टिस कर सकते हैं। वह एक फायदा है कि मेरी प्रैक्टिस कभी रुकती नहीं है। मेरी प्रैक्टिस जारी रहती है।

आर्म रेसलिंग का फ्यूचर ब्राइट

फ्यूचर को मैं बहुत ब्राइट देखता हूं। जिस प्रकार से कबड्डी को हमने स्वीकार किया है। कबड्डी हमारा ही गेम था, लेकिन हम इसको भूल गए थे। अभी जिस प्रकार हमने उसे अपनाया है उसी तरह से सभी भारतवासी और विश्व के लोग इसे अपनाएं।

बढ़ी हैं लोगों की अपेक्षाएं

इसमें कोई शक नहीं है कि सीजन-1 से कंप्टीशन और टफ हुआ है और रीच भी बढ़ी है इसकी। प्रो पंजा लीग से लोगों की अपेक्षाएं बढ़ी हैं। आर्म रेसलिंग से बढ़ी हैं कि हमें और बेहतर देखने को मिलेगा। इस बार थोड़ा कठिन कंप्टीशन है और लोगों को और बेहतर करना पड़ेगा।

खेल से जुड़े रहना गोल

फ्यूचर का गोल पहले तो किसी खेल से जुड़े रहना है, जिससे मैं फिट रह सकूं, हर प्रकार के नशे से दूर रह सकूं। उसके बाद मेरी खुशी है, जो स्पोर्ट्स खेलने के बाद हम महसूस करते हैं। इसके बाद अचीवमेंट है।

आर्म रेसलिंग में करियर?

अभी अगर हम देखेंगे तो गवर्मेंट में कई जगह ये गेम स्टार्ट हुआ है तो भविष्य निश्चित रूप से उज्जवल है। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चा अगर चाहे तो खेल सकता है। व्यक्तिगत रूप से खेल सकता है। इसके विश्व स्तर पर भी काफी टूर्नामेंट होते हैं। भारत में इस पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है तो बिल्कुल बच्चा अच्छा खेल सकता है।