पीरियड्स के दौरान आमतौर पर लड़कियों को दिन के छोटे काम करने में भी परेशानी होती है, ऐसे में सोचिए बॉक्सिंग, रेसलिंग और जूडो जैसे खेलों से जुड़ी महिलाएं किस तरह अपनी ट्रेनिंग करती हैं। कुछ समय पहले तक जागरुकता की कमी के कारण महिला खिलाड़ी काफी कुछ ऐसा करती थीं जो कि उनकी सेहत और भविष्य के लिए अच्छा नहीं था। हालांकि अब चीजे बदल रही हैं और एक्सपर्ट्स खिलाड़ियों के लिए पीरियड्स के दौरान सही डाइट और ट्रेनिंग रेजीम तैयार करते हैं जिससे उन्हें परेशानी न हो।

देरी से पीरियड्स के लिए ली जाती हैं गोलियां

खिलाड़ियों के लिए सबसे आम बात होती है वह दवाइयां लेना जिससे पीरियड्स अपने नियमित समय से देरी से आते हैं। आमतौर पर किसी टूर्नामेंट या कड़ी ट्रेनिंग के दौरान महिला को पीरियड्स आने वाले हैं तो वह पहले ही ऐसी दवाइयां खा लेती है। इससे उनके पीरियड्स तो देरी से आते हैं लेकिन इन गोलियां का लंबे समय तक इस्तेमाल कई तरह की परेशानियां भी खड़ी कर देता है।

मां बनने में हो सकती है परेशानी

जेएसडब्ल्यू के स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट में काम करने वाले डॉक्टर सैम्यूल पुलिंगर ने बताया कि उनके लिए महिला खिलाड़ियों को इस तरह की गोलियां का इस्तेमाल न करने के लिए राजी करना बहुत मुश्किल था। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने बताया, ‘इसकी शुरुआत एक गोली से होती है, फिर दो फिर तीन। इसके बाद खिलाड़ी हर बार ऐसा करने लगती हैं। मुझे उन्हें याद दिलाना पड़ता है कि आगे जाकर अगर वह मां बनना चाहेंगी तो इन गोलियां के लगातार सेवन से उन्हें परेशानी हो सकती है। उन्हें समझाना पड़ता है कि वह अपने पीरियड्स के प्राकृतिक चक्र के साथ छेड़छाड़ न करें। यह उनके लिए नुकसान दायक हो सकता है।’

सही ट्रेनिंग और डाइट भी है जरूरी

पीरियड्स के दौरान शरीर में कई चीजों की कमी हो जाती है जिसमें कैलशियम भी शामिल है। इस दौरान शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। ऐसे में कड़ी ट्रेनिंग में खिलाड़ियों के चोटिल होने का डर बढ़ जाता है। पुलिंगर के मुताबिक वह इसी कारण पीरियड्स के शुरुआत के दो दिन ट्रेनिंग को काफी हल्का रखते हैं साथ ही डाइट में कई ऐसी चीजें शामिल करते हैं जिससे खिलाड़ियों के शरीर में किसी भी विटामिन की कमी न हो। इसके साथ ही महीने के बाकी दिनों की डाइट भी इसे ध्यान में रखकर बनाई जाती है।

आसान है टैमपॉन्स और मेंसुरल कप का इस्तेमाल

छोटे शहर से आई लड़कियां ट्रेनिंग के दौरान सैनेटरीपैड्स का इस्तेमाल करती हैं। उन्हें टैमपॉन्स और मेंसुरल कप के बारे में बताया जाता है। इनके इस्तेमाल से खिलाड़ियों को मैच के दौरान आसानी होती है। वह ज्यादा सहज महसूस करती हैं। आज के समय में जब विज्ञान बहुत आगे बढ़ चुका है तब यह जरूरी है कि किसी भी खिलाड़ी के लिए पीरियड्स करियर में रुकावट न बनें।