पाकिस्तानी क्रिकेट अधिकारियों ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलने के लिये मानहानि का दावा ठोकने की धमकी दी है क्योंकि इससे उन्हें काफी वित्तीय नुकसान हो रहा है। पीसीबी की कार्यकारी समिति के चेयरमैन नजम सेठी ने बुधवार की रात को ट्वीट किया कि उन्होंने यह बात बीसीसीआई अधिकारियों को दुबई में आईसीसी के कार्यकारी बोर्ड की बैठक के मौके पर बता दी थी।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पीसीबी ने बीसीसीआई को बताया था कि वह बीसीसीआई के 2014 में द्विपक्षीय सीरीज खेलने के लिये हस्ताक्षर किये गये करार के अनुसार इससे इनकार करने के कारण मानहानि का दावा ठोक रहा है।’’
सेठी एक बार फिर पीसीबी का चेयरमैन बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। उन्होंने 2014 में आईसीसी बैठक के मौके पर बीसीसीआई अधिकारियों से समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किये थे। इसके अनुसार पाकिस्तान और भारत को 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज खेलनी थी लेकिन भारत ने अभी तक एक भी सीरीज नहीं खेली है और यह कहते हुए इनकार किया है कि उसकी सरकार ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों की हरी झंडी नहीं दी है।
पाकिस्तान के घरेलू सीरीज की मेजबानी तटस्थ स्थल पर करने के लिये सहमत होने के बावजूद बीसीसीआई ने खेलने से इनकार किया है। पाकिस्तान का दावा है कि भारत के उसके खिलाफ दो घरेलू सीरीज नहीं खेलने के कारण उसे करीब 20 करोड़ डालर का नुकसान हुआ है।
गौरतलब है कि 30 मार्च 2017 को पीसीबी ने कहा था कि वह भारत के पाकिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेलने के लिये आईसीसी विवाद निवारण समिति के सामने बीसीसीआई के खिलाफ मुआवजा मामला दर्ज करेगा। पीसीबी चेयरमैन शहरयार खान ने बोर्ड आफ गवर्नर्स की बैठक के बाद कहा था कि उन्हें भारत के खिलाफ मुआवजा मामला आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई को जल्द ही कानूनी नोटिस भेजा जाएगा और इसके बाद पीसीबी आईसीसी विवाद निवारण समिति के सामने मामला दर्ज करेगा।
उन्होंने कहा था, ‘‘हमने अब कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है और हम बीसीसीआई के लिये नोटिस भेजेंगे जिसके बाद हम अपने घाटे की भरपायी के लिये आगे कदम बढ़ाएंगे क्योंकि हम क्रिकेट खेलना चाहते हैं और हम इस पर विश्वास नहीं करते कि सरकार और राजनीति के कारण भारत को हमारे खिलाफ खेलने की अनुमति नहीं मिलती।’’

