फ्रेंचाइजी क्रिकेट का दबदबा काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच खबर है कि ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम के कप्तान पैट कमिंस को भारत की घरेलू लीगों में खेलना का ऑफर मिला था। इसके लिए उन्हें लभगग साढ़े पांच करोड़ रुपये रकम देने की बात कही गई थी, लेकिन कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) के ऑलराउंडर ने देश के लिए खेलने के लिए इसे ठुकरा दिया। फॉक्स स्पोर्ट्स ने इसकी जानकारी दी है।

रिपोर्ट के अनुसार लोकल मार्केटिंग और ब्रॉडकास्टिंग डील्स के कारण बीसीसीआई के राज्य संघों की खूब कमाई हो रही है और वे अपने स्थानीय फ्रेंचाइजी लीग में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को लाने की कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट को लेकर कमिंस ने कहा, “ये अवसर बहुत बड़े हैं और ये बार-बार सामने आ रहे हैं। अभी भी अपने देश के लिए खेलना, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना प्राथमिकता है। खासकर ऑस्ट्रेलिया में, लेकिन हम इसे हल्के में नहीं ले सकते।”

फ्रेंचाइजी क्रिकेट की बढ़ती ताकत

हाल ही में, संयुक्त अरब अमीरात (ILT20) और दक्षिण अफ्रीका (SA20) में दो लीगों के आने से फ्रेंचाइजी क्रिकेट की बढ़ती ताकत देखने को मिली है। इनमें खिलाड़ियों को बंपर अनुबंध की पेशकश की गई है। इन लीगों की कई टीमें आईपीएल फ्रेंचाइजी के मालिकों की हैं। हाल के समय में खेल में कई बड़े नामों ने तेजी से पांव पसारते फ्रेंचाइजी क्रिकेट के कारण अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट के महत्व को बनाए रखने के लिए संतुलन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है।

इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड का ‘हाई-परफॉर्मेंस रिव्यू’ जारी

इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड ने गुरुवार को एक ‘हाई-परफॉर्मेंस रिव्यू’ जारी किया। इसमें 17 सुझाव दिए गए, जिनमें से 15 को पहले ही स्वीकार कर लिया गया है। ये सुझाव फ्रेंचाइजी क्रिकेट के कारण पैदा हो रहे खतरे के मद्देनजर दिए गए हैं। इस महीने की शुरुआत में न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट को उनके परिवार के साथ अधिक समय बिताने और दुनियाभर में घरेलू फ्रेंचाइजी क्रिकेट लीग में भाग लेने के लिए केंद्रीय अनुबंध से मुक्त कर दिया गया था। टीम के कप्तान केन विलियमसन ने कहा था कि खेल के परिदृश्य में बदलाव के साथ, क्रिकेट महासंघों को खिलाड़ियों के लिए संतुलन बनाने के लिए काम करने की आवश्यकता होगी।