पिछले महीने हुए एथलेटिक्स फेडरेशन कप में नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता। इवेंट के दौरान एक ऐसा भी समय आया था जब डीपी मनु ने उन्हें पीछे कर दिया था। मनु 82.06 मीटर के थ्रो के साथ इस इवेंट में सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहे थे। मनु के पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने की उम्मीद थी हालांकि अब यह बहुत मुश्किल नजर आ रहा है। मनु डोपिंग के घेरे में है और अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो उनपर पर बैन लगना तय है।

डीपी मनु को इंटरस्टेट में हिस्सा लेने की नहीं मिली इजाजत

डीपी मनु पंचकुला में आयोजित हो रहे इंटरस्टेट चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाले थे। हालांकि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के निर्देश पर भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने मनु को इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से रोक दिया। गुरुवार से शुरू हुई राष्ट्रीय अंतर-राज्य चैंपियनशिप के लिए शुरुआती प्रवेश सूची में थे। लेकिन बाद में जारी की गयी सूची से उनका नाम हटा दिया गया।

पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले थे मनु

एशियाई चैम्पियनशिप 2023 में सिल्वर मेडल जीतने वाले 24 साल के इस खिलाड़ी का विश्व रैंकिंग कोटा के जरिए ओलंपिक क्वालीफिकेशन लगभग निश्चित था। मनु वर्ल्ड एथलेटिक्स ‘रोड टू पेरिस’ रैंकिंग में 15वें स्थान पर थे। पेरिस ओलंपिक में जैवलिन थ्रो इवेंट में 32 खिलाड़ियों को मौका मिलता है। ऐसे में रैंकिंग के लिहाज से मनु क्वालिफाई करते और देश को इस इवेंट में तीन खिलाड़ियों को देखने का मौका मिलता। पेरिस क्वालिफिकेशन की अंतिम तिथि 30 जून है।

मनु भी कारण जानने में जुटे

एएफआई अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि नाडा ने महासंघ से मनु को प्रतियोगिताओं से रोकने के लिए कहा है लेकिन उन्होंने इसकी पुष्टि नहीं की कि एथलीट ने डोपिंग अपराध किया है या नहीं। सुमरिवाला ने कहा, ‘‘ऐसा कुछ हो सकता है, लेकिन हम अभी नहीं जानते कि वास्तविक कारण क्या है। कल एएफआई कार्यालय (नाडा से) को एक फोन आया था कि उसे (मनु को) प्रतियोगिताओं से रोक दिया जाए।’’उन्होंने कहा, ‘‘ इसके अलावा कोई विवरण (किस तरह के संभावित उल्लंघन पर) नहीं दिया गया है। मुझे लगता है कि एथलीट (डीपी मनु) खुद नाडा से पता लगा रहा है कि इसके पीछे क्या कारण है।’’