सात अगस्त की तारीख भारत के खेल इतिहास में एक अलग जगह रखेगी। यह वह तारीख है जिस दिन करोड़ों भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हुआ वहीं इसी तारीखों को पूरे देश का दिल टूटा। महज तीन साल के अंदर यह ऐतिहासिक तारीख भारत के लिए काला दिन बन गई।
टोक्यो में मिली थी खुशखबरी
सात अगस्त 2021 को टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो इवेंट का फाइनल था। भारत के नीरज चोपड़ा ने इस इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था। नीरज के गोल्ड जीतते ही पूरे देश में खुशी लहर आ गई। 13 साल बाद हमें ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट मिला। एथलेटिक्स में गोल्ड मिला। देश के दिग्गज एथलीट मिल्खा सिंह का एथलेटिक्स भारत को ओलंपिक गोल्ड जीतने का सपना पूरा हुआ। 100 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा कुछ हुआ। यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया।
फैंस लगाए बैठे थे उम्मीद
सात अगस्त 2024 को भी भारतीय फैंस ऐसे ही ऐतिहासिक पल का गवाह बनने को तैयार थे। उम्मीद लगाए बैठे थे कि भारत को ओलंपिक में पहली महिला गोल्ड मेडलिस्ट मिलेगी। भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को सात अगस्त की शाम अपना गोल्ड मेडल मैच खेलना था। हालांकि उनका यह सपना टूट गया। विनेश ने बुधवार की सुबह जब अपना वजन किया तो यह वजन तय मानक से 100 ग्राम ज्यादा था।
टूटा करोड़ों का दिल
विनेश ने वजन घटाने के लिए थोड़ा और समय मांगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नियम के मुताबिक तय वजन से ज्यादा वजन होने के कारण विनेश फोगाट को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। मेडल उनके हाथ में आकर फिसल गया। इस खबर ने भारतीय फैंस का दिल तोड़ दिया। लोग भावुक होकर सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे थे। साथी खिलाड़ी से लेकर दिग्गज खिलाड़ियों ने विनेश को चैंपियन बनाया।