पेरिस ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ी लगभग आधा सफर तय कर चुके हैं। 7 दिन में भारत के नाम तीन मेडल हैं। भारतीय खिलाड़ी अब भी दहाई के आंकड़े से सात मेडल दूर हैं। एक अगस्त को भारत की मेडल की कई बड़ी उम्मीदें टूटीं जिसके बाद यह लक्ष्य और ओझल सा होता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि अब भी कई ऐसे खिलाड़ी है जो भारत को इस बार 10 के पार ले जा सकते हैं।

भारतीय हॉकी टीम – भारतीय हॉकी टीम सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है। टीम ने क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को शूटऑफ में हराया। टोक्यो ओलंपिक में भी भारत ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में पहुंचा था। भारतीय टीम का हौसला ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद काफी बढ़ा है। टीम के अब एक मेडल मैच खेलने का मौका है।

नीरज चोपड़ा – भारत के जैवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा देश की मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद हैं। नीरज की नजर अपने गोल्ड के बचाव पर है। बीते दो सालों में नीरज वर्ल्ड चैंपियन बन चुके हैं और डायमंड लीग भी जीत चुके हैं। उनसे मेडल की बहुत उम्मीदें हैं।

अंतिम पंघाल – भारत की युवा रेसलर अंतिम पंघाल भी मेडल की प्रबल दावेदार हैं। उन्होंने बीते साल अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती थी। वहीं इसके बाद साल सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता। अंतिम को 53 किलोग्राम की वेट कैटेगरी में चौथी सीड मिली है। अंतिम पंघाल के हाफ में एशियन चैंपियन अकारी फुजीनामी और और यूरोपियन चैंपियन एम्मा मालग्रेन नहीं होंगी जिनसे वह बीते साल हारी हैं।

मीराबाई चानू – भारत की ओलंपिक मेडलिस्ट मीराबाई चानू से भी मेडल की उम्मीद है। उन्होंने बीते साल टोक्यो में भारत के मेडल का खाता खोला था। हालांकि इस वेटलिफ्टिंग का इवेंट आखिरी के दिनों में रखा गया है। मीराबाई चोट से वापसी कर रही हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार हैं।

लक्ष्य सेन – भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन से भी भारत को मेडल की काफी उम्मीदें हैं। लक्ष्य सेन जोनाथन क्रिस्टी, एच प्रणॉय और चेन टेन जैसे खिलाड़ियों को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचे हैं। अब उनके पास मेडल जीतने का बड़ा मौका है।

विनेश फोगाट- भारत की तीन बार की कॉमनवेल्थ चैंपियन विनेश फोगाट भी मेडल की दावेदार हैं। विनेश इस बार 50 किलोग्राम वर्ग में उतरेंगी। विनेश सर्जरी के कारण एशियन गेम्स में नहीं खेली थी। बीता पूरा साल वह धरने पर बैठने को लेकर चर्चा में रही। अब उनके पास ओलंपिक मेडल जीतकर आलोचकों को जवाब देने का मौका है।

रीतिका हुड्डा – भारत की युवा रेसलर रीतिका हुड्डा सरप्राइज मेडल ला सकती हैं। अंडर-23 कैटेगरी की वर्ल्ड चैंपियन रीतिका का यह पहला ओलंपिक है। विरोधियों को उनके खिलाफ खेलने का बहुत ज्यादा अनुभव नहीं है।

लवलिना बोरगोहेन – भारत की ओलंपिक बॉक्सर लवलिना के पास भी मौका था लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाई। वह रविवार को अपना क्वार्टर फाइनल मैच खेलने उतरीं। इस मुकाबले में उनका सामना चीन की लि कियान से था। कियान इस कैटेगरी की टॉप सीड हैं। लवलिना यह मैच 1-4 से हारीं।