हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) के भविष्य के टूर्नामेंट में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के प्रतिनिधित्व से इनकार करते हुए कहा कि पिछले साल चैम्पियन्स ट्रॉफी के दौरान ‘अस्वीकार्य बर्ताव’ के लिए वे जब तक माफी नहीं मांग लेते तब तक उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा।
चैम्पियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट में बदसलूकी को लेकर पाकिस्तान की ओर से अभी भी माफी का इंतजार कर रहे एचआईएल के भी अध्यक्ष बत्रा ने सोमवार को कहा कि एचआईएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों का वह स्वागत करेंगे लेकिन पिछले साल भुवनेश्वर जैसा बर्ताव स्वीकार्य नहीं है।
बत्रा ने कहा,‘‘पाकिस्तानी खिलाड़ियों का लीग में खेलना मुझे अच्छा लगेगा लेकिन उस तरह के बर्ताव के साथ नहीं जो उन्होंने चैम्पियंस ट्रॉफी में किया था। उन्होंने उस घटना के लिये कोई माफी भी नहीं मांगी है। मैं इस मसले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता लेकिन उनका बर्ताव अस्वीकार्य था। उन्हें माफी तो मांगनी चाहिये थी।’’
हॉकी इंडिया लीग के पहले सत्र में नौ पाकिस्तानी खिलाड़ी शामिल थे लेकिन कुछ राजनीतिक संगठनों के विरोध के बाद उन्हें टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही स्वदेश लौटना पड़ा। उसके बाद से पाकिस्तानी खिलाड़ी इस लीग में नहीं खेल सके हैं।
बत्रा को यकीन है कि एचआईएच का भारतीय हॉकी पर अच्छा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा,‘‘हमारा लक्ष्य भविष्य के लिये खिलाड़ियों का पूल तैयार करना है। हमारे पास एचआईएल से राष्ट्रीय टीम में पहले ही आठ खिलाड़ी हैं। हमने 16 साल बाद एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता और 1966 के बाद पहली बार एशियाई खेलों के फाइनल में पाकिस्तान को हरा सके। पिछले चार पांच साल में हमारी हॉकी बेहतर हुई है और इसका श्रेय हॉकी इंडिया लीग को जाता है।’’
बत्रा ने यह भी बताया कि जूनियर और सीनियर स्तर पर सहयोगी स्टाफ में इजाफा किया जायेगा। उन्होंने कहा,‘‘सीनियर टीम के पास एक नवंबर से नया विश्लेषण कोच होगा। जूनियर टीम को एक महीने के भीतर वैज्ञानिक सलाहकार मिलेगा। महिला सीनियर और जूनियर टीमों को क्रमश: विश्लेषण कोच और वैज्ञानिक सलाहकार मिलेगा।’

