शिवानी नायक (द इंडियन एक्सप्रेस)

स्टार भारतीय शटलर साइना नेहवाल के बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए न चुने जाने पर उनके पति और कोच परुपल्ली कश्यप का दर्द छलक उठा है। उन्होंने साल 2010 और 2018 के एडिशन में गोल्ड जीता था। सिंगापुर ओपन में दुनिया की नौवें नंबर की खिलाड़ी चीन की बिंग जियाओ को हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।

इसके बाद पी कश्यप ने कहा, “यह एक खिलाड़ी के साथ दुर्व्यहार है। आपके अपने लोग आपके साथ s*#@ जैसा व्यवहार कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि दो दिनों में दो भावनात्मक जीत मिली है। शुरुआती दौर में नेहवाल ने खुद पर काफी दबाव बना लिया था। मालविका बंसोड़ ने जनवरी में इंडिया ओपन में अनफिट नेहवाल को हरा दिया था। कश्यप के अनुसार नेहवाल को राष्ट्रमंडल प्रतियोगिता से बाहर करने के लिए महासंघ इसका इस्तेमाल किया।

बिंग जियाओ को हराकर साइना ने दो साल में पहली बार किसी टॉप -10 खिलाड़ी को हराया। सलेक्शन और ट्रायल ऐसे समय हुआ जब नेहवाल चोट से गुजर रही थी। फेडरेशन ने उबेर कप के दौरान खराब व्यवहार का कारण बताकर नेहवाल को बाहर का रास्ता दिखा दिया। कश्यप के अनुसार इसका पूर्व नंबर-1 खिलाड़ी पर काफी खराब प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा, ” वह अक्सर रोती रहती है और हर दूसरे दिन बातचीत में चयन न होने का मुद्दा उठता है। अभ्यास करना भी बहुत कठिन है और आप मानसिक रूप से आप परेशान रहते हैं। आप नहीं पता होता कि आपकों अपने लोगों या विरोधियों से लड़ना है।”

फेडरेशन की चुप्पी से जोड़ी परेशान है। कश्यप ने कहा, “यह गलत धारणा है कि वह घमंडी हैं क्योंकि वह ज्यादा बात नहीं करती हैं। वह सिर्फ अपने काम से ध्यान रखती हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि जो हुआ उसने उन्हें उकसाया, लेकिन इस स्थिति से बचा जा सकता था। मैं समझता हूं कि आप सख्त होना चाहते हैं, लेकिन बातचीत करने में कोई दिक्कत नहीं है। किसी ने उनके संदेशों का जवाब नहीं दिया। यह बेहद दुखदायी है।”

कश्यप ने यह भी कहा, “ऑल इंग्लैंड ओपन में किसी कोच ने साइना को नहीं देखा और न ही उनके प्रदर्शन की समीक्षा की गई। बीएआई का तर्क है कि उन्होंने उनसे अपनी फिटनेस स्थिति प्रस्तुत करने का अनुरोध किया और कश्यप का कहना है कि वे खेलों के लिए समय पर तैयार होने को लेकर रिहैब को लेकर आश्वस्त थे।”