पिछले दिनों  बाबा रामदेव ने ओलंपिक सिल्‍वर मेडलिस्‍ट आंद्रे स्‍टाडनिक को फ्रैंडली कुश्‍ती मुकाबले में हरा दिया था।  योग गुरु  ने उक्रेन के पहलवान को 12-0 से मात दी। स्‍टाडनिक ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक्‍स के ओपनिंग राउंड में सुशील कुमार को हराया था। सुशील ने इस प्रतियोगिता में बाद में कांस्‍य पदक जीता था। हालांकि अब कहा जा रहा है कि बाबा रामदेव की जीत फर्जी थी। यह मैच केवल प्रमोशनल था और बाबा रामदेव की जीत तय की गई थी। जानकारी के अनुसार यह प्रमोशनल मुकाबला था और स्‍टाडनिक ने रामदेव को जीतने दिया। वहीं स्‍टाडनिक पिछले तीन साल से प्रतिस्‍पर्धी मुकाबले में नहीं उतरे हैं। स्‍टाडनिक दो मिनट में हार गए बावजूद इसके उनके चेहरे पर हंसी दिखाई दे रही थी। इस मैच का मकसद केवल मनोरंजन था। प्रो रेसलिंग लीग का आयोजन भारत में हो रहा है और कुश्‍ती को लोकप्रिय करने के लिए बाबा रामदेव का मुकाबला अंतरराष्‍ट्रीय पहलवान से कराया गया।

इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में प्रो रेसलिंग के सेमीफाइनल से पहले दोनों के बीच यह मुकाबला हुआ। सबको उम्मीद थी कि आंद्रे बाबा को आराम से हरा देंगे लेकिन हुआ ठीक इससे उल्टा। रिग में पहुंचते ही बाबा ने सबसे पहले सूर्य नमस्कार लगाया। उसके बाद वो अपने हाथ के बल चले। फिर रेफरी ने दोनों पहलवानों को आमने-सामने खड़ा किया और कुश्ती का मुकाबला शुरू हुआ। बाबा ने शुरू से ही मैच पर पकड़ बनाए रखी और आंद्रे पर पूरी तरह भारी पड़े। पूरे मैच में बाबा ने आंद्रे को एक भी अंक नहीं दिया और अंत में मैच 12-0 के अंतर से जीत लिया। इस मैच से पहले बाबा रामदेव ने कहा था कि उन्होंने रोज कसरत करके स्टेमिना बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह खाली वक्त मिलते ही अखाड़े भी जाते हैं।

इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में प्रो रेसलिंग के सेमीफाइनल से पहले दोनों के बीच यह मुकाबला हुआ।

यह पहली बार नहीं है कि जब बाबा रामदेव ने किसी को फ्रेंडली मैच के लिए चुनौती दी हो। इससे पहले पिछले साल रामदेव ने सुशील कुमार को भी चुनौती दी थी। वह चुनौती हरिद्वार में उनके आश्रम की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर दी गई थी। आंद्रे स्टेडनिक ने कहा था कि वह योग गुरु की एनर्जी देखकर काफी प्रभावित हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर बाबा रामदेव भारत के लिए खेलने लगें तो भारत के सबसे अच्छे रेसलर्स में से एक होंगे।