रूस के भारोत्तोलकों को बार बार डोपिंग उल्लंघनों के कारण रियो ओलंपिक से बाहर किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) का फैसला ऐसे समय में आया है जब रूस के ट्रैक एवं फील्ड एथलीटों को अगस्त में होने वाले रियो खेलों से निलंबित किया जा चुका है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने रूस के ट्रैक एंव फील्ड के एथलीटों पर लगे प्रतिबंध को बरकरार रखा था। भारोत्तोलन की शीर्ष संचालन संस्था द्वारा रूस, कजाखस्तान और बेलारूस को 2008 और 2012 ओलंपिक के एथलीटों के पुन: परीक्षण में विफल पाए जाने के बाद एक साल के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा।
उत्तरी कोरिया उन चार देशों में शामिल है जो प्रतिबंधित पदार्थ के इस्तेमाल के लिए प्रतिबंध का सामना कर रहे हैं। भारोत्तोलन की संचालन संस्था खेल को डोपिंग से मुक्त करने की कोशिश में जुटी है। इसकी कार्यकारी समिति ने बैठक में फैसला किया कि जिस देश के तीन या चार परीक्षण असफल रहते हैं, उस देश को एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया जायेगा। इसमें उसने रूस, कजाखस्तान और बेलारूस को शामिल किया, जो निलंबन का सामना कर रहे हैं। लेकिन अंतिम फैसला तब लिया जाएगा जब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति पुष्टि करेगी कि क्या भारोत्तोलकों के दूसरे नमूने भी पॉजीटिव पाए गए हैं?