पेरिस ओलंपिक 2024 में जूडोका तोहर बुटबुल सुरंग से बाहर निकले। अपने चेहरे पर हाथों पर थप्पड़ मारते हुए और चिल्लाते हुए मैट के बीच में पहुंचे। इसके बाद टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बुटबुल प्रवेश द्वार की ओर मुंह करके खड़े हुए अपने प्रतिद्वंद्वी का इंतजार करने लगे। वह इंतजार करता रहे, लेकिन कोई भी बाहर नहीं आया।

इजरायल के तोहर बुटबुल का अल्जीरिया के मेसाउद रेडौने ड्रिस से मुकाबला था। ड्रिस उनसे प्रतिस्पर्धा नहीं करना चाहते थे। आधिकारिक तौर पर, ड्रिस का वजन 73 किलोग्राम वर्ग में स्वीकार्य वजन से 400 ग्राम अधिक था। लेकिन सोमवार को ले एरिना चैंप्स डे मार्स में हुई घटना गाजा में संघर्ष के मद्देनजर पेरिस ओलंपिक में इजरायल के एक एथलीट को नजरअंदाज करने का एक और उदाहरण था।

इजरायली दल से अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा

पेरिस ओलंपिक में इजरायली दल से अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा है। उद्घाटन समारोह से कुछ दिन पहले, ला फ्रांस इनसोमिस पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य थॉमस पोर्टेस ने कहा था कि पेरिस ओलंपिक में इजरायली एथलीटों की जरूरत नहीं है। पेरिस मेट्रो नेटवर्क के अंदर इजरायल पर ‘प्रतिबंध’ की मांग करने वाले स्टिकर कई ट्रेनों के दरवाजों पर चिपकाए गए हैं। इसमें बड़े अक्षरों में बड़े अक्षरों में लिखा था: “नरसंहार ओलंपिक खेल नहीं है।”

इजरायल के राष्ट्रगान के दौरान शोर हुआ

जब इजरायल की फुटबॉल टीम पिछले हफ्ते माली के खिलाफ पार्स डेस प्रिंसेस में अपने पहले मैच के लिए मैदान में उतरी, तो देश के राष्ट्रगान के दौरान इतना शोर हुआ कि उसे कम करने के लिए स्टेडियम के स्पीकर की आवाज बढ़ानी पड़ी। तैराकी में 100 मीटर महिला बैकस्ट्रोक विशेषज्ञ अवीव बार्जेले के इवेंट दौरान भी कुछ ऐसा ही माहौल था। पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले 88 इजयाली एथलीट जहां भी जा रहे हैं उनसे बुरा व्यवहार किया जा रहा है।