एम सी मैरीकाम की ओलंपिक स्थान सुनिश्चित करने की अंतिम उम्मीद वाइल्डकार्ड से इनकार किए जाने के बाद खत्म हो गयी लेकिन इस भारतीय स्टार महिला मुक्केबाज ने कहा कि वह अभी मुक्केबाजी से संन्यास नहीं लेगी। पांच बार की विश्व चैम्पियन दो क्वालीफायर के जरिये रियो ओलंपिक के लिए जगह नहीं बना सकी तथा भारतीय ओलंपिक संघ और देश में मुक्केबाजी का संचालन कर रही तदर्थ समिति का वाइल्डकार्ड से उन्हें प्रवेश दिलाने का प्रयास भी असफल हो गया क्योंकि आईओसी ने इस आग्रह को ठुकरा दिया है।

मैरीकाम ने इम्फाल से कहा, ‘मुझे सूचित किया गया है कि मुझे ओलंपिक के लिए वाइल्डकार्ड नहीं मिलेगा। यह दुखद है लेकिन इस पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं है। मुझे इस फैसले को स्वीकार करना होगा लेकिन मैं अभी इस खेल को नहीं छोड़ रही हूं। मैं तब तक इसमें भाग लेना जारी रखूंगी, जब तक मैं पूरी तरह फिट रहती हूं।’ लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली मैरीकाम रियो में जगह बनाने के दो क्वालीफायर – मार्च में एशियाई क्षेत्र क्वालीफायर और विश्व चैम्पियनशिप – में चूक गयीं। इसके बाद आईओए और तदर्थ समिति ने त्रिपक्षीय आयोग निमंत्रण स्थान के लिये अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) का रुख किया जो मैरीकाम के वजन वर्ग में महज एक ही है।

उन्होंने कहा, ‘तदर्थ समिति ने एआईबीए के अध्यक्ष डा चिंग कुओ वु से भी बात की। वाइल्डकार्ड मिलना हमेशा मुश्किल ही था।’ मैरीकाम रियो ओलंपिक के बाद संन्यास लेने पर विचार कर रही थी लेकिन अब उन्होंने कम से कम कुछ समय के लिये अपना फैसला बदल दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात से वाकिफ हूं कि संन्यास के बारे में काफी बात होगी लेकिन इस समय मैंने इस विचार को त्याग दिया है। निश्चित रूप से मैं अपनी अकादमी में युवा बच्चों को ट्रेनिंग देने में काफी समय बिताऊंगी लेकिन अपनी ट्रेनिंग पर भी समय लगाना जारी रखूंगी।’

मैरीकाम ने कहा, ‘इस साल ओलंपिक के अलावा कोई प्रतियोगिता नहीं है। इसलिये मेरे पास सोचने के लिये काफी समय है। मैं देखूंगी कि चीजें कैसे रहती हैं। यह सब मेरी फिटनेस पर निर्भर होगा। मैं अभी पूरी तरह फिट महसूस कर रही हूं। अगर मैं इसी तरह महसूस करती रही तो मैं कुछ और समय तक जारी रखूंगी। जिस तरह चीजें हुई हैं, उससे मैं अच्छा महसूस नहीं कर रही हूं लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि मेरा भविष्य अच्छा है।’