Mary Kom beats Nikhat Zareen at the boxing trials: छह बार की वर्ल्ड चैंपियन एमसी मैरी कॉम ने निकहत जरीन को हराकर अगले साल चीन में होने वाले ओलिंपिक क्वॉलिफायर्स की टीम में जगह बना ली। 51 किलोग्राम भारवर्ग के इस फाइनल मुकाबले में बंटे हुए नतीजे में मैरी कॉम की जीत हुई। इस मुकाबले में बहुत कम मुक्के चले और मैरी कॉम ने 9-1 से जीत हासिल कर टीम में जगह बनाई। बीएफआई ने मैरी कॉम के लिए भी ट्रायल को जरूरी बना दिया था और निकहत और मैरी कॉम की बीच ट्रायल तय किया था। इसके बाद मेरी कॉम ने बीएफआई की नीति का पालन करने की बात कही थी। निखत ने मैच से पहले मैरी कॉम को चुनौती देते हुए कहा था कि मैं बड़ी बेसब्री से इस मैच का इंतजार कर रही हूं। इस मुकाबले का नतीजा जो भी हो, लेकिन मुझ पर किसी तरह का दबाब नहीं होगा। बता दें कि निखत जरीन ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को ट्रायल के लिए पत्र लिखा था।
एक अन्य मुकाबलों में दो बार की वर्ल्ड सिल्वर मेडलिस्ट (57 किलोग्राम) सोनिया लाथर को साक्षी चौधरी ने हरा दिया। एशियन मेडलिस्ट लाथर, चौधरी के मुक्कों का सामना नहीं कर सकीं। 60 किलोग्राम भारवर्ग में पूर्व विश्व चैंपियन एल. सरिता देवी को नैशनल चैंपियन सिमरनजीत कौर के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
इससे पहले युवा बॉक्सर निकहत जरीन ने कुछ सप्ताह पहले विश्व चैंपियन एमसी मेरी कॉम के खिलाफ ट्रायल की मांग की थी। जरीन ने कहा था कि उन्हें भी ओलिंपिक क्वॉलिफायर में हिस्सा लेने के लिए फेयर चांस मिलना चाहिए। इस युवा बॉक्सर ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के ढुलमुल रवैए और उसकी चयन नीति पर सवाल खड़े किए थे।
Mary Kom defeated Nikhat Zareen to book her spot in the Olympic qualifiers.
She doesn’t shake Zareen’s hand after the fightpic.twitter.com/BiVAw9PCSd
— MMA India (@MMAIndiaShow) December 28, 2019
बता दें कि बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने एक सम्मान समारोह में घोषणा कर हलचल मचा दी थी कि मेरी कॉम को उनके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार अच्छे प्रदर्शन के कारण बिना किसी ट्रायल के ओलिंपिक क्वॉलिफायर के लिए चुना जाएगा। इससे नाराज जरीन ने उचित मौका दिए जाने की मांग की थी। (भाषा इनपुट के साथ)


