देश में खेलों को बढावा देने और नई प्रतिभाओं को तलाशने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए सरकार ने मंगलवार (10 मई) को कहा कि इस उद्देश्य के लिए राजीव गांधी खेल योजना, शहरी खेल संरचना योजना और प्रतिभा खोज योजना को मिलाकर इनके स्थान पर ‘खेलो इंडिया’ योजना पेश की गई है।

लोकसभा में खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल की ओर से जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि हमारे देश में आकार और जनसंख्या के हिसाब से ओलंपिक एवं विश्व खेल प्रतियोगिताओं में जितने पदक मिलने चाहिए थे, उतने नहीं मिल पाए हैं। उन्होंने कहा कि ओलंपिक की तैयारियों के लिए हमने ‘ओलंपिक पोडियम’ कार्यक्रम शुरू किया और पर्याप्त धन का प्रावधान किया, साथ ही मेडल जीतने की संभावना वाले खिलाड़ियों को विदेशों में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी की है।

रिजिजू ने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने और नई प्रतिभाओं को तलाशने की पहल करते हुए राजीव गांधी खेल योजना, शहरी खेल संरचना योजना और प्रतिभा खोज योजना को मिलाकर ‘खेलो इंडिया’ योजना पेश की गई है। प्रश्नकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस सदस्य एवं पूर्व ओलंपियन प्रसून बनर्जी ने कहा कि देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, गांव में प्रतिभाएं भरी हुई है लेकिन हम गांव की ओर ध्यान नहीं देते हैं। हमारा खेल बजट भी काफी कम है। हमें इन विषयों पर ध्यान देना चाहिए।