ओलंपियन दिवाकर प्रसाद और पूर्व राष्ट्रीय चैम्पियन मदन लाल मंगलवार (21 फरवरी) को पेशेवर मुक्केबाजी से जुड़े गए। इन दोनों ने उन्हीं प्रमोटर के साथ करार किया है जो विजेंदर सिंह और अखिल कुमार जैसे मुक्केबाजों का प्रबंधन कर रहे हैं। अपने एमेच्योर करियर के दौरान बीमार होने के कारण कई मौके गंवाने वाले 32 साल के दिवाकर और मदन के अलावा 11 और मुक्केबाजों ने आईओएस बाक्सिंग प्रमोशंस के साथ करार दिया। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ की विश्व मुक्केबाजी सीरीज में खेल चुके 32 साल के दिवाकर ने कहा, ‘पांच साल पहले भारत में पेशेवर मुक्केबाजी की मौजूदगी वैसी नहीं थी जैसी अब है। अंतत: मुझे इसका अनुभव मिल रहा है।’ जिन 13 मुक्केबाजों ने करार किया है उनमें से अधिकांश पहले ही पेशेवर सर्किट में किस्मत आजमा रहे हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण नाम नीरज गोयत का है जो गत डब्ल्यूबीसी एशिया प्रशांत वेल्टरवेट चैम्पियन हैं।
अब तक भारतीय पेशेवर मुक्केबाजी संगठन (पीबीओआई) के अंतर्गत मुक्केबाजी करने वाले नीरज ने कहा, ‘यह मेरे पेशेवर करियर के लिए बड़ा कदम है। मैं पिछले छह साल से पेशेवर मुक्केबाजी कर रहा हू और मुझे लगता है कि आईओएस के साथ हाथ मिलाने से मेरे करियर को फायदा होगा।’ नीरज ने पेशेवर सक्रिट में 12 मुकाबले लड़े हैं जिसमें उन्होंने आठ जीत दर्ज की है। पीबीओआई के एक अन्य मुक्केबाज अमनदीप सिंह ने भी आईओएस के साथ करार किया है क्योंकि दोनों संस्थाओं ने हाथ मिलाने का फैसला किया है। आईओएस के पास अब 16 मुक्केबाज हैं जिसमें डब्ल्यूबीओ सुपर मिडलवेट एशिया प्रशांत चैम्पियन विजेंदर सिंह भी शामिल हैं। ये गुड़गांव में अकादमी में ट्रेनिंग करेंगे। जिन मुक्केबाजों ने मंगलवार (21 फरवरी) को करार किया उनमें एमएफए फाइटर पवन मान भी शामिल हैं। उन्होंने सुपर फाइट लीग में वेल्टरवेट और लाइटवेट दोनों वर्ग के मुकाबलों में हिस्सा लिया और दोनों में चैम्पियन बने।
पेशेवर बनने की योजना बना रहे हैं ओलंपियन मुक्केबाज विकास कृष्ण
एशियाई खेलों के पूर्व स्वर्ण पदकधारी और दो बार के ओलंपियन मुक्केबाज विकास कृष्ण ने खुलासा किया कि वह इस साल के अंत तक पेशेवर बनने की योजना बना रहे हैं और चाहते हैं कि राष्ट्रीय महासंघ उन्हें एमेच्योर मुक्केबाजी के लिये भी मंजूरी दे। विकास पिछले दो महीने से ज्यादा समय से न्यू जर्सी में ट्रेनिंग कर रहे हैं। विश्व चैम्पियनशिप के पूर्व कांस्य पदकधारी मुक्केबाज ने कहा कि उनकी निगाहें पेशेवर बनने पर लगी हैं। विकास ने कहा, ‘मैं इस साल के अंत में और अगले साल के शुरू होने तक पेशेवर बनने की योजना बना रहा हूं। मैं भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) का सहयोग चाहता हूं। अगर बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह इस कदम से सहमत हैं तो मैं इसे गंभीरता से विचार करूंगा। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ ने पहले ही एमेच्योर और पेशेवर के बीच विभाजन समाप्त कर दिया है।’

