भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु ने सोमवार को 18वें एशियाई खेलों में महिला एकल स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। सिधु ने सेमीफाइनल मुकाबले में अपनी पुरानी प्रतिद्वंद्वी जापान की अकाने यामागुची को मात देकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई, जहां उनका सामना चीनी ताइपे की ताइ जु यिंग से होगा। बता दें कि 1982 में दिल्ली में हुए एशियाड में सैयद मोदी को मेंस सिगल्स में ब्रॉन्ज मेडल मिला था। इसके बाद से शटलर में भारत कोई भी मेडल जीतने में कामयाब नहीं रहा। ऐसे में सिंधु ने 36 साल बाद इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया इतिहास रचने का काम किया। सिंधु फाइनल में अगर हार भी जाती है तो भी देश को सिल्वर मेडल प्राप्त होगा, जो भारत को पहले इस खेल में कभी नहीं मिला है। पहली बार कोई भारतीय शटलर फाइनल तक पहुंचा है, इस वजह से फैन्स के अंदर भी मंगलवार को होने वाले फाइनल मुकाबले को लेकर उत्सुकता बनी रहेगी। इससे पहले हमवतन बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल को महिला एकल के सेमीफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था। इस हार के कारण वह फाइनल में प्रवेश से चूक गईं। हालांकि, उन्हें ब्रॉन्ज हासिल हुआ है। सायना का एशियाई खेलों में यह पहला मेडल है।

वहीं भारतीय खिलाड़ी सिंधु ने एक घंटे और पांच मिनट तक चले मुकाबले में वर्ल्ड नम्बर-2 यामागुची को 21-17, 15-21, 21-10 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। पहले ही गेम से ही दोनों के बीच बराबरी की टक्कर देखी गई। अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी के खेल से परिचित सिंधु ने इसका फायदा उठाते हुए उनके खिलाफ स्कोर 8-8 से बराबर किया और इसके बाद 13-9 से बढ़त ले ली। वर्ल्ड नम्बर-3 भारतीय खिलाड़ी ने यामागुची पर इस बढ़त को बनाए रखा और अंत में पहला गेम 22 मिनटों के भीतर 21-17 से अपने नाम कर लिया। दूसरे गेम में भी दोनों को बराबरी का संघर्ष करते देखा गया।
सिंधु ने तीसरे गेम में यामागुची पर अपना दबाव बनाने की कोशिश करते हुए 9-4 की बढ़त बनाई। जापानी खिलाड़ी के खिलाफ इस बढ़त को बनाए रखते हुए सिंधु ने तीसरा गेम 21-10 से जीता। इस हार के कारण यामागुची को कांस्य से संतोष करना पड़ा है। यह एशियाई खेलों में उनका पहला पदक है। (आईएएनएस इनपुट के साथ)