भारतीय फुटबाल इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक हासिल करते हुए ऐजल एफसी ने आज यहां तनावपूर्ण मुकाबले में शिलांग लाजोंग को 1-1 से बराबरी पर रोककर आईलीग फुटबाल का खिताब जीता। लाजोंग को नौवें मिनट में ही ए दिपांदा ने बढ़त दिलाई लेकिन ऐजल ने 67वें मिनट में डब्ल्यू लालनुनफेला के गोल की बदौलत बराबरी हासिल कर ली। मोहन बागान ने इसके साथ ही कोलकाता में चल रहे एक अन्य मैच में चेन्नई सिटी एफसी को 2-1 से हराया लेकिन ऐजल एफसी को खिताब जीतने से नहीं रोक पाए। चेन्नई सिटी ने 31वें मिनट में एस नंद कुमार के गोल की बदौलत बढ़त बनार्ई लेकिन युसा कात्सुमी ने पहले हाफ के इंजरी टाइम में बागान को बराबरी दिला दी। डेरिल डफी ने दूसरे हाफ में 77वें मिनट में एक और गोल दागकर बागान को 2-1 से आगे किया जो निर्णायक स्कोर साबित हुआ।
ऐजल ने इसके साथ ही टूर्नामेंट का अंत 37 अंक के साथ किया जबकि मोहन बागान की टीम 36 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रही। ऐजल ने अपने दूसरे ही सत्र में आईलीग खिताब जीता और यह खिताब जीतने वाला पूर्वोत्तर का पहला क्लब बना। ऐजल की यह उपलब्धि इसलिए भी काफी मायने रखती है क्योंकि उसका कुल बजट सिर्फ दो करोड़ रूपये था जबकि बागान ने इतनी राशि सिर्फ सोनी नोर्डे को टीम के साथ जोड़ने पर ही खर्च की थी। पिछले सीजन में ऐजल की टीम दूसरे दर्जे में खिसक गई थी। इस साल गोवा के बायकॉट के चलते ऐजल की वापसी हुई।
क्लब ने अंतिम समय में भारतीय टीम के सदस्य रहे खालिद जमील को कोच बनाया। जमील को पिछले साल मुंबई एफसी ने पद से हटा दिया था और उनके सात साल के कार्यकाल को असफल करार दिया था। ऐजल के लिए महमूद अल अम्ना ने शानदार प्रदर्शन किया। अम्ना का प्रदर्शन इस लिहाज से भी अहमियत रखता है कि वे सीरिया से आते हैं। उनका देश पिछले कई सालों से युद्ध में घिरा हुआ है और बर्बाद हो चुका है। उनके कई दोस्त बमबारी में मारे जा चुके हैं। ऐजल की टीम के ज्यादातर खिलाड़ी अनजान है और इनमें से ज्यादातर मिजोरम से ही आते हैं।

