भारत में महिला फुटबॉल को बढ़ावा देने की कवायद के तहत अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने मंगलवार (24 जनवरी) को यहां इंडियन वुमेंस लीग (आईडब्ल्यूएल) को लांच किया जिसके शुरुआती सत्र में छह टीमें खिताब के लिए भिड़ेंगी। टूर्नामेंट के पहले सत्र में आयोजन 28 जनवरी से किया जाएगा जिसमें मिजोरम का ऐजल फुटबॉल क्लब, पुड्डुचेरी का जेपियार, कटक का राइजिंग स्टुडेंट्स क्लब, मणिपुर का ईस्टर्न स्पोर्टिंग यूनियन, महाराष्ट्र का पुणे सिटी और हरियाणा का फुटबॉल क्लब अलखपुरा की टीमें हिस्सा लेंगी। ऐजल फुटबॉल क्लब को आईलीग फुटबॉल टूर्नामेंट से चुना गया है जबकि पुणे सिटी को आईएसएल से जगह मिली है जबकि बाकी चार टीमों ने नौ राज्यों की 20 टीमों के बीच हुए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के जरिये जगह बनाई है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर लीग को लांच करते हुए एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘भारत में महिला फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए हमने यह लीग लांच की हैं। हम देश की 50 प्रतिशत जनसंख्या को भी मौका देना चाहते हैं। भारतीय महिला फुटबॉल टीम की विश्व रैंकिंग 54 जबकि पुरुष टीम की 129 है। ऐसे में हमारे पास महिला विश्व कप में पुरुष वर्ग से पहले क्वालीफाई करने का अच्छा मौका है। अगला महिला विश्व कप 2019 में होना है और हमारे पास इसमें जगह बनाने का अच्छा मौका हो सकता है।’
लीग के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘हमने ऐजल की टीम को आईलीग जबकि पुणे की टीम को आईएसएल से चुना है। चार अन्य टीमों को नौ राज्यों की 20 टीमों के बीच मैचों के जरिये चुना गया और यह उत्साहवर्धक है कि उन राज्यों की टीमों ने क्वालीफाई किया जहां से पुरूष वर्ग में कोर्ई आईएसएल या आईलीग टीम नहीं है।’ लीग के लांच के मौके पर मौजूद खेल एवं युवा मामलों के मंत्री विजय गोयल ने इसे अच्छी पहल करार दिया, ‘यह एक अच्छी पहल है। अगर हम फुटबॉल पर और ध्यान देंगे तो हमारी टीमों की रैंकिंग में तेजी से सुधार हो सकता है। हमारा काम खेलों को बढ़ावा देना है और इसमें लोगों की भागीदारी की जरूरत है।’
राष्ट्रीय खेलों और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं से बड़े नामों के नदारद रहने को गंभीरता से लेते हुए गोयल ने कहा, ‘हमने देखा है कि राष्ट्रमंडल खेल या एशियाई खेल या विश्व चैम्पियनशिप जैसी प्रतियोगिताएं जीतने के बाद खिलाड़ी राष्ट्रीय खेलों या राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना बंद कर देते हैं। इसमें बदलाव लाना होगा। हम खिलाड़ियों पर काफी खर्च करते हैं और यह जरूरी है कि वह भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इन खेलों में खेलें जिससे कि युवाओं को उनके साथ ट्रेनिंग का मौका मिले। ये उनकी जिम्मेदारी भी है।’
गोयल ने इस दौरान देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए ‘खेलो इंडिया’ और ‘प्रतिभा खोज पोर्टल’ जैसी योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रतिभा खोज पोर्र्टल जल्द ही लांच होगा जिसके जरिये कोई भी अभिभावक, अध्यापक, कोच आदि अपने बच्चे का पंजीकरण करा सकता है और अगर आकलन में वह सफल रहते हैं तो उन्हें साइ अकादमियों के साथ जोड़ा जाएगा और 1500 बच्चों को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये की छात्रवृत्ति आठ साल तक दी जाएगी।
बीसीसीआई में सुधारवादी कदमों के लिए नियुक्त न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति की सिफारिशों को खेल संहिता में जगह देने के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘हमने खेल संहिता में सुधार के लिए समिति बनाई है। लोगों के सुझाव भी आमंत्रित हैं। लोढा समिति की कई सिफारिशें पहले ही आचार संहिता का हिस्सा है और जो खेलों की बेहतरी के लिए होंगी उन्हें भी शामिल किया जाएगा।’ पटेल ने इस दौरान कहा कि जल्द ही एआईएफएफ का नाम भी बदला जाएगा और आईडब्ल्यूएल के नाम में भी बदलाव होगा। अटकलें लगाई जा रही हैं कि एआईएफएफ को भविष्य में फुटबॉल इंडिया नाम मिल सकता है।
इस मौके पर लगातार चौथी बार सैफ फुटबॉल चैम्पियनशिप का खिताब जीतने वाली भारतीय महिला टीम को भी 25 लाख रुपये की इनामी राशि देकर सम्मानित किया गया। टीम की कप्तान बालादेवी ने पटेल से यह पुरस्कार हासिल किया। रियो ओलंपिक खेलों की कांस्य पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक के अलावा आर्ईडब्ल्यूएल में हिस्सा लेने वाली सभी टीमों की कप्तान भी इस मौके पर मौजूद है।

