राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदकधारी एल देवेंद्रो सिंह (49 किग्रा) ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के विश्व ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल में जबकि अनुभवी मनोज कुमार (64 किग्रा) ने अंतिम-16 चरण में प्रवेश किया। चौथे वरीय देवेंद्रो को शुरुआती राउंड में बाई मिली थी, उन्होंने एकतरफा मुकाबले में अर्जेंटीना के लियांड्रो ब्लांक को 3-0 से शिकस्त दी जबकि राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदकधारी मनोज ने दबदबे भरा प्रदर्शन करते हुए मिस्र के दूसरे वरीय मोहम्मद इस्लाम अहमद अली को 3-0 से पराजित किया। एशियाई रजत पदकधारी देवेंद्रो मंगलवार (21 जून) को दक्षिण अफ्रीका के सिबुसिसो बांडला से भिड़ेंगे जिन्होंने अपनी प्रीक्वार्टरफाइनल बाउट में कोरिया के ली येचान को शिकस्त दी। 23 वर्षीय देवेंद्रो को अगर ओलंपिक खेलों के लिए स्थान सुनिश्चित करना है तो उन्हें फाइनल में जगह बनानी होगी।

राष्ट्रीय कोच गुरबक्श सिंह संधू ने कहा, ‘देवेंद्रो ने अपने पंच का बेहतर इस्तेमाल किया। उसका अपरकट बहुत अच्छा और सटीक था। दूसरे राउंड में उसका पैर थोड़ा मुड़ गया था लेकिन वह खुद ही हालात से निपटने में सफल रहा। वह तीनों राउंड में शानदार था और उसने सर्वसम्मति के फैसले से बाउट जीती।’ वहीं मनोज अपने से मजबूत खिलाड़ियों को हराने के बाद मंगलवार (21 जून) को प्री क्वार्टरफाइनल बाउट में बुल्गारिया के आयरिन स्मेतोव से भिड़ेंगे। मनोज भी पूर्व एशियाई कांस्य पदकधारी हैं, वह अगर इस प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंच जायेंगे तो ओलंपिक स्थान सुनिश्चित कर लेंगे।

संधू ने कहा, ‘मनोज ने शानदार प्रदर्शन किया, यह उसके करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में से एक था। वह काफी समझदार था, मैंने उसे कभी भी इतना सयंमित नहीं देखा। उसने अपने प्रतिद्वंद्वी को लंबी रेंज में रखा और मोहम्मद से करीबी संपर्क करने से बचा रहा।’ टूर्नामेंट में मुक्केबाजों के पास 39 क्वालीफाइंग स्थान हासिल करने का मौका होगा, जिसमें 49 किग्रा में दो स्थान हैं। 52 किग्रा, 56 किग्रा, 60 किग्रा, 64 किग्रा, 69 किग्रा, 75 किग्रा और 81 किग्रा में पांच-पांच कोटे होंगे तथा 91 किग्रा, 91 से अधिक किग्रा में एक एक स्थान होगा। 100 से अधिक देशों के 400 मुक्केबाज इस अंतिम क्वालीफाइंग टूर्नामेंट से कोटा हासिल करने में जुटे हैं। यह एमेच्योर मुक्केबाजों के लिये अंतिम क्वालीफायर है। भारत ने 56 किग्रा में किसी मुक्केबाज को नहीं भेजा है क्योंकि शिव थापा पहले ही मार्च में एशियाई क्वालीफायर्स के दौरान रियो खेलों के लिये क्वालीफाई कर चुके हैं।