फ्रांस की रेल कंपनी ‘एसएनसीएफ’ ने कहा कि बुधवार को आए एक तूफान ने पेरिस को देश के दक्षिण-पूर्व और स्विट्जरलैंड से जोड़ने वाली सभी हाई-स्पीड ट्रेन यातायात को दोनों दिशाओं में बाधित कर दिया। इस कारण पेरिस ओलंपिक के मुकाबले देखने और गर्मियों की छुट्टियां मनाने के लिए यात्रा करने वाले हजारों यात्री फंस गए।

‘एसएनसीएफ’ ने कहा कि फ्रांस की राजधानी के गारे डे ल्यों ट्रेन स्टेशन से रवाना होने वाली और वहां पहुंचने वाली सभी हाई स्पीड ट्रेनें पटरी पर गिरे एक पेड़ के कारण रुक गईं और फ्रांस की राजधानी के दक्षिण-पूर्व में बरगंडी में एक ट्रेन से टकरा गईं। नियमित गति वाली ट्रेनें अलग-अलग पटरियों का इस्तेमाल करती हैं। इस कारण उन पर कोई असर नहीं पड़ा है।

एसएनसीएफ ने कहा कि अधिकारियों ने ट्रैक की बिजली काट दी है और पेड़ को हटाने के लिए लॉगिंग ऑपरेशन शुरू हो चुका है, लेकिन शुरुआती निरीक्षणों से पता चला है कि मामला जल्दी ठीक नहीं होगा। कंपनी ने कहा कि लोगों को वैकल्पिक यात्रा मोड खोजने में मदद करने के लिए उस लाइन पर सभी को वापस स्टेशन पर लाया जा रहा है।

यह तब हुआ जब ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह से पहले तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद पिछले हफ्ते फ्रांस का रेल यातायात बुरी तरह से बाधित हो गया था। इस सप्ताह की शुरुआत में हाई-स्पीड ट्रेन सेवाएं पूरी तरह से बहाल कर दी गई थीं।

राष्ट्रीय मौसम एजेंसी मेटियो फ्रांस ने बुधवार को देश के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश, तेज आंधी के जोखिम और तेज हवाएं चलने समेत ‘स्थानीय रूप से मजबूत’ तूफान के खतरे के बारे में चेतावनी दी। मेटियो फ्रांस ने देश के अधिकांश हिस्से में बुधवार को लगातार तीसरे दिन गर्मी की चेतावनी जारी की। पेरिस में तापमान 31 डिग्री सेल्सियस (88 डिग्री फारेनहाइट) तक पहुंच गया।

हाई-स्पीड रेल नेटवर्क पर हमले में मामले में चरमपंथी गिरफ्तार

बता दें कि फ्रांसीसी अधिकारियों ने पिछले सप्ताह पेरिस ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के दिन देश के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क पर तोड़फोड़ करने वाले हमले के सिलसिले में एक चरमपंथी को गिरफ्तार किया थाा। देश के गृह मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने सोमवार (29 जुलाई) को गिरफ्तारी की जानकारी दी थी। साथ ही कहा था कि सरकार को इस हमले के पीछे चरमपंथी समूहों की भूमिका पर संदेह है। डर्मैनिन ने एक फ्रांसीसी समाचार चैनल को बताया था, ‘हमने कई लोगों के प्रोफाइल की पहचान की है। यह चरमपंथियों की पारंपरिक प्रकार की कार्रवाई है।’