एक अगस्त 2021 की तारीख को भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। ब्रॉन्ज मेडल मैच में उन्होंने चीन की हे बिंग झाओ को हराया था। तीन साल बाद यह दोनों एक अगस्त को पेरिस ओलंपिक में फिर आमने-सामने आईं। इस बार चीनी खिलाड़ी भारी पड़ी और उन्होंने सिंधू को पेरिस ओलंपिक से बाहर कर दिया।

सिंधू ने अजेय रहकर की थी प्री क्वार्टर फाइनल में एंट्री

पीवी सिंधू पेरिस ओलंपिक में ग्रुप राउंड के तीनों मैच जीतकर प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंची थीं। वहीं बिंग भी अजेय रहकर सिंधु का सामना करने पहुंचीं। दोनों के बीच पहले गेम में कड़ा मुकाबला देखने को मिला। हालांकि सिंधू दूसरे गेम में पिछड़ गई और मैच 19-21,14-21 से हारीं। महज 56 मिनट में सिंधू की तीन साल की मेहनत पर पानी फिर गया।

सिंधू के पास था हैट्रिक लगाने का मौका

पीवी सिंधू भारत के लिए ओलंपिक मेडल के प्रबल दावेदारों में शामिल थीं। उन्होंने साल 2016 में रियो में सिल्वर और 2021 में टोक्यो में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। सिंधू के पास मेडल की हैट्रिक लगाने का मौका था लेकिन यह खिलाड़ी मौका चूक गई। वह भारत की पहली ऐसी खिलाड़ी बन सकती थीं जिन्होंने ओलंपिक में तीन मेडल जीते हो। फिलहाल दो मेडल वाले क्लब में पीवी सिंधु के अलावा रेसलर सुशील कुमार और निशानेबाज मनु भाकर शामिल हैं।

ऐसा पहली बार होगा जब सिंधू ओलंपिक से खाली हाथ लौटेंगी। साथ ही साथ यह पहला मौका है जब सिंधू वर्ल्ड चैंपियनशिप या ओलंपिक में किसी चीनी प्रतिद्वंदी से हारी हैं।

सिंधू पर खर्च हुए 3.13 करोड़ रुपए

पेरिस साइकिल में पीवी सिंधु पर सरकार ने 3.13 करोड़ रुपए खर्च किया था। यह खर्च उनके लिए विदेशी कोच लाने पर, फीजियो पर हुई। वहीं तीन साल में सिंधू की 17 विदेशी दौरों के लिए भी इस पैसे को खर्च किया गया। सिंधू को निजी सपोर्ट स्टाफ भी मुहैया कराया गया। उनके कोच मोहम्मद हाफिज और पार्क टै सैंग की सैलेरी का खर्च भी सरकार ने उठाया।